सैय्यद अल-शाहदा (PBUH) के शब्दों में उपयोगी शब्द
IQNA-इमाम हुसैन (अ.स.) कहते हैं: «لا تَتَكَلَّمَنَّ فيما لا يَعنيكَ فإنّي أخافُ علَيكَ الوِزرَ، و لا تَتكَلَّمَنَّ فيما يَعنيكَ حتّى تَرى لِلكلامِ مَوضِعا؛ कभी व्यर्थ बात मत करो; क्योंकि मैं तुम्हारे लिये पाप करने से डरता हूं, और कभी कोई उपयोगी वचन नहीं बोलता, जब तक कि वह वचन उचित न हो। [मिज़ान अल-हिक्मा, खंड 10, पृष्ठ 190