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स्वर्गीय तराना

सूरह मुबारका मरियम से "अब्दुल बासित" के पाठ का श्रव्य भाग|फ़िल्म

तेहरान (IQNA) निम्नलिखित में, आप सूरह मुबारका मरियम के मिस्र के पाठकर्ता अब्दुल बासित मुहम्मद अब्दुल समद के पाठ का एक श्रव्य अंश सुनेंगे।


يَا أُخْتَ هَارُونَ مَا كَانَ أَبُوكِ امْرَأَ سَوْءٍ وَمَا كَانَتْ أُمُّكِ بَغِيًّا ﴿۲۸﴾
हे हारून की बहन, तेरा पिता बुरा मनुष्य न था, और तेरी माता भी बुरी मनुष्य न थी ﴿28 ﴾
فَأَشَارَتْ إِلَيْهِ قَالُوا كَيْفَ نُكَلِّمُ مَنْ كَانَ فِي الْمَهْدِ صَبِيًّا ﴿۲۹﴾
[मरियम] ने [यीशु] की ओर इशारा किया, उन्होंने कहा, "हम उस व्यक्ति से कैसे बात कर सकते हैं जो पालने में है [और] एक बच्चा?"29.
[मैरी] ने [यीशु] की ओर इशारा किया, उन्होंने कहा, "हम उस व्यक्ति से कैसे बात कर सकते हैं जो पालने में है [और] एक बच्चा?"
قَالَ إِنِّي عَبْدُ اللَّهِ ... ﴿۳۰﴾
[बच्चे] ने कहा, मैं भगवान का सेवक हूं
सूरह मुबारका मरियम
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