अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार «KMSNews»के हवाले से, सैयद हसन Mousavi Safavi, शिया धार्मिक समुदाय के प्रमुख और भारत के नियंत्रण में 'हुर्रियत पार्टीज जम्मू-कश्मीर " सम्मेलन के एक सदस्य ने घोषणा की: अधिकारियों द्वारा दावों के बावजूद इस भूमि पर मुहर्रम की शोक संघों पर प्रतिबंध जारी है.
उन्होंने कहाः कि यदि भारत और कश्मीर मौजूदा सरकार का दावा है कि कश्मीर में स्थिति सही है तो क्यों अज़ा समूहों की गतिविधियों को मना कर रहे हैं?
Mousavi safavi ने इसी तरह हाल में सैलाब से मुतासिर पीड़ितों की स्थिति जब कि सर्दियां आ गईं पर चिंता जताते हुऐ कहा कि, कश्मीर के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई सक्षम कार्रवाई करने नहीं की है।
कश्मीर में मुहर्रम के शोक दस्तों की गतिविधियां हर साल मुहर्रम के आठवें दिन से शुरू हो जाती हैं और Ashura के दिन तक जारी रहती हैं.
हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने 1990 के बाद से शोक समूहों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और वर्तमान में कुछ विशेष क्षेत्रों में केवल छोटे समूह शोक गठन करते हैं.
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