कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) के अनुसार, समाचार नेटवर्क "Rasd उद्धृत,के हवाले से" अब्बास सईद ने इस बारे में कहा: विविधता की स्वीकृति और धार्मिक पृष्ठभूमि और धार्मिक अनुष्ठानों को सभी इस्लामिक धर्मों के अनुयायियों के लिए उपलब्ध कराना सऊदी अरब की सोसाइटी में संकट को हल कर सकती है.
उन्होंने कहा: धार्मिक विविधता और विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के धार्मिक अधिकारों की अस्वीकृति धार्मिक प्रचार की समस्याओं का कारण होगा.
इमामे जुमा "अल-अवामियह" सऊदी अरब ने अंत में कहा: यदि सउदी सरकार नागरिकों के साथ न्याय और समानता के आधार पर व्यवहार करे,तो यह इस्लामी धर्म के बीच सन्निकटन के चक्र को मजबूत बनाने मे बहुत प्रभावी है, लेकिन धार्मिक सिद्धांतों के भेदभाव के कारण फ़िर्क़ा परस्ती की आग और अधिक तेज़ होगी.
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