इंटरनेशनल समूहःऐक राजनीतिक विश्लेषक का मानना है, Meles Znavy इथोपियाई प्रधानमंत्री की इस देश के मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ क्रूर और दमनकारी नीतियाँ, इस्लामी जागृति की लहर के उभरने के संकेत और इस देश में क्रांति के लिऐ मुक़द्मा बन रहा है.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) « On Islam » वेबसाइट के अनुसार, हसन हुसैन, एक मानवाधिकार कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय "सेंट मैरी " मिनेसोटा संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रोफेसर, ने बुधवार, 25 जुलाई, को बतायाः इस्लामी जागृति की लहर में इथोपिया भी पहुंच गई है और इस देश के ज़ालिम प्रधानमंत्री ने मुसलमानों के क्रूर दमन को इस मुद्दे को हल करने के लिए अपनाया है लेकिन यह मालूम होना चाहिऐ कि यह दमन एक क्रांति के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है.
यह ध्यान दिया जाना चाहिऐ, पिछले कुछ हफ्तों के दौरान इथोपिया सरकार के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के कारण मुसलमानों के विरोध का गवाह है.
दरअसल, इथोपिया में मुसलमानों की संख्या 30 मिल्यून तक है जो कि इथियोपिया की 90 मिल्युन आबादी में 35 प्रतिशत का आंकड़ा है.
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