अंतरराष्ट्रीय समूह: जबकि, कल, 19 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में बहरीनी मामले की समीक्षा हो रही थी, आले खलीफा शासन के सुरक्षा बलों ने शाम को फिर से धार्मिक विद्वानों और मौलवियों के घरों पर छापा मारा.
ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) नेटवर्क सूचना केंद्र अल आलम के अनुसार, बहरीन पर सत्तारूढ़ शासन के सुरक्षा बलों ने ने परसों शाम देश के दो धार्मिक विद्वानों के घरों पर हमला किया.
इस्लामी ऐसोसीऐशन विफ़ाक़ मिल्ली बहरीन ने घोषणा कीः यह कार्वाइयां नाग्रिकों के साथ उनके अपने दृष्ट कोण बयान करने के बदले में सज़ा व बदले की भावना से की जा रही हैं और इस शासन का संयुक्त राष्ट्र मानव मानवाधिकार परिषद को जहां आज इस देश के मामलों पर समीक्षा होगी स्पष्ट संदेश है कि हम किसी भी क़ानून के पाबंद नहीं हैं.
इस बयान में आया है कि सत्तारूढ़ शासन की कार्वाई इस पर गवाह है कि यह शासन अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद डेमोक्रेसी चाहने वालों के खिलाफ उसी तरह अपराधों को जारी रखेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, आले खलीफा सैनिकों की एक बड़ी संख्या ने शेख आदिल Alshlh के पिता के घर मनामा में छापा मारा. तीन दिन पहले शेख Alshlh बहरीन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कथित तौर पर विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के कारण गिरफ्तार किया गया था.
इसी तरह, आले खलीफा सुरक्षा बलों की बड़ी संख्या ने शेख हानी Albzaz बहरीनी मौलवी के घर, पर हमला किया और घर तोड़ने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया और और अपने साथ लेगऐ, लेकिन कुछ घंटों के बाद छोद़ दिया.
इस ऐसोसीऐशन ने इन दोनों कार्वाइयों की निंदा की है और जन विरोधी कहा है.
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