ईरानी कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) शाखा पश्चिम और दक्षिण - पश्चिम एशिया के अनुसार यह बैठक Maghrib और ईशा की नमाज के बाद धार्मिक विद्वानों और विचारकों की मौजुदग़ी में मंगलवार 27 नवम्बर को आयोजित की ग़ई.
बैठक के शुरू में Hojjatoleslam क़ुर्बान अली ने कहा कि इतिहास में Ashura का संदेश लोग़ों के लिए हिदायत है लेकिन एक समूह है जो ऐतिहासिक नही मानता है और एक समूह है जो Ashura के इतिहास को बदलता है.
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