ईरानी कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) पश्चिम और दक्षिण पश्चिम एशिया शाखा के अनुसार,इस सेमिनार में जो शनिवार, 8 दिसंबर, को आयोजित हुआ,शहर के प्रसिद्ध क़ारी द्वारा पवित्र कलामे इलाही की आयतों की तिलावत की गई.
संगोष्ठी में हक़ Khatib अली, इस देश के एक प्रमुख धार्मिक विद्वान ने कहा: सीरते अहलेबैत(अ.स.) perfections और बर्कतों से पुर है और सभी लोगों खासकर मुसलमानों के लिए सैद्धांतिक व व्यावहारिक रूप से सबसे अच्छे मॉडल हैं, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति सीरते अहलेबैत(अ.स.)पर अमल करके अनन्त मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं.
उन्होंने अंत में कर्बला के वाक़ेऐ और हुसैन की खूनी लड़ाई के बारे में कहा: क़्यामे इमाम हुसैन (अ.स) अल्लाह के कलमे और इस्लाम को ऊंचा रखने के लिऐ किया और हज़रत अली (अ.स.)के अनुसार "सरकार कुफ़्र के रह सकती है लेकिन ज़ुल्म के साथ नहीं".
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