अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार « Two Circles » के हवाले से, शकील Samdani, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भारत के प्रोफेसर ने इस सम्मेलन में कहाः कि पश्चिमी मीडिया में इस्लाम और मुसलमानों की जो छवि पेश की जा रही है कारण है कुछ लोग सोचते हैं कि इस्लाम एक हिंसक धर्म है.
उन्होंने कहाः कि पश्चिमी मीडिया के बयानों में इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद (PBUH) जो शांति, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के दूत हैं से कोई संबंध नहीं है.
Samdani ने कहाः पैगंबर ख़ातम ने न्याय और शिक्षा पर अधिक जोर दिया है और आप का जीवन न्याय के क्षेत्र में उपयोगी उदाहरणों से भरा हुआ है.
उन्होंने जोर देकर कहा: पैगंबर (PBUH) के समय में लोगों की विशेषताओं को देखते हुऐ उन सेवाओं की महत्वता का जो मानव जाति के लिए उपलब्ध कराईं, पता चलता है.
इस हिन्दी मुस्लिम शिक्षक ने सम्मेलन में भाग लेने वालों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन को पैगंबर मुहम्मद (PBUH) की शिक्षाओं के अनुसार जारी रखें और समय और ऊर्जा रचनात्मक गतिविधियों में ख़र्च करें.
उन्होंने इसी तरह विभिन्न धर्मों के बीच मतभेदों से परहेज़ और मुसलमानों की एकता का अनुरोध किया.
यह सम्मेलन 2 से 4 दिसम्बर तक इस्लामी कॉलेज गोरखपुर में आयोजित किया गया था.
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