अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) समाचार पत्र 'टेलीग्राफ'के अनुसार, अहमद मराबित एक हंसता पुलिस अधिकारी था,जिसको उसके दोस्त एक विनीत, बहुत दयालु, सच्चा इन्सान और प्रशंसनीय के रूप में याद करते हैं.
उस फिल्म में जो"शारली abdo»पत्रिका के कार्यालय पर सशस्त्र बंदूकधारियो द्वारा हमले की छपी,मराबित एक सशस्त्र व्यक्ति ने उसे लक्ष्य बनाया है.
फिर सशस्त्र आदमी ने अहमद जो पुलिस वर्दी में था के क़रीब हुआ और वह पूछता है कि क्या तुम हमें मारोगे.? और फिर एक ही पल में वह सिर के क्षेत्र में गोली मार देता है.
अहमद मूल रूप से फ्रेंच था और 8 साल के लिए शिक्षित अधिकारी के रूप में पुलिस बल में काम कर रहा था.
Ahmad के परिवार ने घोषणा की कि उनकी इच्छा है कि उत्तर पूर्वी पेरिस के महान मुस्लिम कब्रिस्तान में उसे दफ़्न करें.
बुधवार, 7 जनवरी को, सशस्त्र आतंकवादियों के एक समूह ने पत्रिका "शार्ली abdo » फ्रांस कि इस से पहले इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ आक्रामक caricatures प्रकाशित किऐ थे, पर हमला किया और कम से कम 12 लोग मारे गए ता कि जनता की राय को मुसलमानों के खिलाफ और भड़काऐं.
इस आतंकवादी हमले के मद्देनजर, विश्व भर के मुस्लिम नेताओं ने इस तरह की आतंकवादी कार्यों की निंदा के साथ घोषणा की कि आतंकवादियों को इस्लाम के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
जबकि मीडिया ने जल्दी से इस आतंकवादी हमले को इस्लाम से जोड़ने का प्रयास किया, लेकिन दूसरी ओर इस घटना मे मारे गऐ एक पुलिस के मुसल्मान होने की कोई ख़बर नहीं छापी.