अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इस्लामी धर्मों की निकटता के लिए विश्व मंच की वेबसाइट के अनुसार, अयातुल्ला अब्दुल आमिर Qblan, लेबनानी शिया इस्लामी सुप्रीम काउंसिल के उप निदेशक, ने इस सप्ताह 6 फ़रवरी शुक्रवार उपदेश में लेबनान और अन्य इस्लामी देशों में पूर्वाग्रह और धार्मिक मतभेदों फ़ा के उन्मूलन की अपील की और कहाः इस्लामी दुनिया आज तक्फ़ीरी आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हर बात से अधिक एकता की जरूरत मंद है.
उन्होंने कहा कि इस्लाम हमें एकता और सच की प्रतिबद्धता करने और सही विधि के लिए आमंत्रित करता है ता कि लोगों की सेवा करें और उन्हें जोखिम और साजिश से बचाऐं इस लिए हमें चाहिऐ कि हाथ में हाथ दें और अपने देश से साज़िश को दूर करें और पवित्र पैगंबरे इस्लाम (स.व.) का पालन कर के एकजुटता और हक़ से प्यार करने वाले समाज का निर्माण करें.
सैयद अली फ़जलुल्लाह, मस्जिद इमामैन हस्नैन(अ.) बेरूत के उपदेशक ने भी Shebaa खेतों में लेबनानी सैनिकों की वीर कार्यों की सराहना करता हूऐ कहाःइन सैनिकों ने यहूदी शत्रुओं को अपनी स्वतंत्रता और मुस्लिम मुक़द्दसात के अपमान करने से रोक दिया.
फ़जलुल्लाह ने इसी तरह आज, इस्लाम के लिए सबसे बड़ा खतरा कुछ इस्लामी नारों को बताया कि तक्फ़ीरी फतवों का हवाला देते हुए निर्दोष लोगों का खून बहाते हैं और इस्लामी देशों को विनाश की ओर ले जारहे हैं.
उन्होंने कहा कि तक्फ़ीरियों इस सोच ने लेबनान, सीरिया, इराक, यमन और लीबिया की सुरक्षा को धमका रहे हैं यही सोच पाकिस्तानी मस्जिदों में आतंकवादी बम विस्फोट का कारण हुई और लेबनानी तीर्थयात्रियों के खून को दमिश्क़ में बहाया है इस तर्क ने इस्लाम की छवि क्षतिग्रस्त कर दी है और इस्लाम के मूल्यों का अपमान किया है.
शेख अहमद Qblan लेबनान जाफ़री फिक़्ह के मुफ्ती ने बेरूत बुर्जुल बराजिनह में इमाम हुसैन(अ.स) की मस्जिद में इस सप्ताह के जुमा उपदेश में कहाः समाज में सामाजिक न्याय लागू करने के लिए विशेष रूप से इस क्षेत्र में मौजूदा कठिन परिस्थितियों में, , लेबनान के राष्ट्रीय साझेदारी की अपील की.
शेख माहिर हमूद,मस्जिदे क़ुदस सैदा के जुमा उपदेशक ने भी इस सप्ताह नमाज़े जुमा के उपदेश में क्षेत्र के बुरी परिस्थिति की ओर इशारा करते हुऐ कहाः जो कुछ आज इस्लामिक स्टेट के नाम हो रहा है इस्लाम के नाम पर क्रूर कार्यों को किया जा रहा है मुस्तशरिक़ीन और पश्चिम के लोगों को बहाना दे रहे हैं क्यों कि वे इस्लाम की छवि को इसी तरह देखते हैं, और इस धर्म से निराशावादी हो रहे हैं.
अल्लामा शेख Afif Nablusi, शहर में सैदा के हज़रत ज़हरा (स.)हाल में शुक्रवार उपदेशक ने भी राष्ट्रीय और धार्मिक और जातीय एकता की जरूरत पर बल दिया और कहाः सभी लोगों को यह जानना चाहिए कि वर्तमान मतभेद बातचीत के साथ असंगत नहीं है हमें चाहिऐ कि महान देशों की ओर देखें कि इन मतभेदों के बावजूद जो उनके अंदर हैं अपनी बातचीत जारी रखते हैं इस लिए सरकार और लेबनान के लोगों के बीच वार्ता भी स्थापित होनी चाहिऐ.
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