अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) वैश्विक नेटवर्क अलकफ़ील की वेबसाइट के अनुसार, यह सम्मेलन 10 अप्रैल शुक्रवार की शाम इमाम हुसैन (अ.स) और हजरत अब्बास (अ.स)और काज़मैन के पवित्र रौज़ों के प्रयासों से इस्लामाबाद में विश्वविद्यालय "ALKAWTHAR" के "अल-मुस्तफ़ा" हॉल में आयोजित किया गया.
सम्मेलन "मज़ाहिबे इस्लामी" का आयोजन "नसीमे कर्बला' सांस्कृतिक सप्ताह की गतिविधियों के क्रम में इमाम हुसैन (अ.स.) के पवित्र करौज़े के प्रयास और ALKAWTHAR विश्वविद्यालय के साथ सहयोग से इस्लामाबाद में किया जा रहा है.
सम्मेलन में इस्लामी धार्मिक विद्वानों ने मुसलमानों के बीच एकता और कलह और विभाजन शब्द से बचने की आवश्यकता पर बल दिया.
सम्मेलन में भाग लेने वालों ने इस्लामी राष्ट्र को कुरान और पैगंबर की सुन्नत पर लौटने की दावत दी.
हिंसा और उग्रवाद, विचारों को बढ़ावा देने में किसी भी हिंसा और रक्तपात के साथ सौदा करने से बचने को कहा.
इस्लामी धार्मिक नेताओं ने इसी तरह सम्मेलन में भाग लेने वालों से आग्रह किया कि मुसलमानों के बीच एकता बनाऐ रखें और भौगोलिक विभाजन का पहलू, मुस्लिम उम्मा के विभाजन का सबब न बनने पाऐ क्योंकि यही बात इस्लाम के दुश्मनों का मनशा है.
सम्मेलन के अंत में, एक छोटी-सी मुलाकात पाकिस्तान के विभिन्न धर्मों के धार्मिक विद्वानों के बीच आयोजित की गई.
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