"सादिक़ Almghls" येमेनी विश्लेषक और शोधकर्ता और इस देश के "Ansarullakh" के सदस्य ने अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) के साथ ऐक साक्षात्कार में बताते है: कि सऊदी अरब उन देशों में से एक है जो इस क्षेत्र में excommunicating और वहाबी विचारों को विकसित करने के लिए सबसे अधिक पैसा ख़र्च कर रहा है और वित्तीय तथा हथियारों के समर्थन द्वारा कुछ इस्लामी देशों जैसे इराक, सीरिया और यमन में संकट खड़ा कर दिया है
तूफाने क़ाते कार्वाईयों का मुख्य उद्देश्य यमन के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना है
यमन Ansarullakh" के इस सदस्य ने कहाः यमन के लोगों की इस देश में अलक़ायदा और तक्फ़ीरी समूहों की शाखाओं से लड़ाई है और इस समूह पर अनसारुल्लाह की बराबर सफलताओं ने ने आले सऊद के ऐजेंटों के क्रोध को भडका दिया है और कारण बना कि इन सफलताओं को रोकन के लिऐ ऐक गठबंधन बनाऐ जिसका मुख्य उद्देश्य यमन देश के बुनियादी ढांचे का विनाश और नरसंहार है.
आले सउद का आक्रामण गाजा पर यहूदियों के हमले की तरह है
सादिक़ Almghls,ने सऊदी अरब द्वारा, यमन पर आक्रामण को गाजा पर यहूदी आक्रामकता की ही तरह बताय और कहाः आले सउद शासन इन क्रूर हमलों में स्कूलों, मस्जिदों, अस्पतालों और अन्य नागरिक इमारतों और आवासीय पड़ोस, वाणिज्यिक और बाजार को अधिकतम लक्ष्य बना रहा है और यह जघन्य कृत्य इन स्थानों पर हथियारों के ढेर होने के बहाने के रूप में बता रहा है और यह असल में वही औचित्य साबित करने के प्रयास में है जो इजरायल ने गाजा पर हमले में लागू किऐ थे.
येमेनी लोग आले सउद की ज़बरदस्ती की चाहतों और आकांक्षाओं के सामने नहीं झुकेंगे
यहह येमेनी राजनीतिक और धार्मिक कार्यकर्ता ने कहाःमिल्लते यमन, हक़ तलब और धार्मिक है, और कभी भी अल सउद शासन और विश्व शक्तियों की मांगों के सामनने मजबूर नहीं हो सकते और आज सभी लोगों पर स्पष्ट हो चुका है कि "तूफान क़ाते" कार्वाई एक कमजोर हवा भी नहीं है और यह युद्ध व हमला इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ छलकपट और दुश्मनाना है.
तूफान क़ाते से सबसे बड़ा लाभ इसराइल ले रहा है
सादिक़ almghles इस संवाद को जारी रखते हुऐ कहाः यहूदी शासन, ने इस युद्ध से सबसे बड़ा लाभ उठा रहा है और यह इस्लामी उम्मा के लिऐ चिंता जनक है कि ऐक देश हरमैन शरीफ़ैन का ख़ादिम होने का दावा करे और एक मुस्लिम राष्ट्र को अपने भाग्य का निर्धारण करना चाहते हैं इस तरह लक्षित किया जारहा है यह गठबंधन आज वही काम कर रहे हैं जैसे कि पश्चिमी देश जिन में सबसे आगे संयुक्त राज्य अमेरिका है.
सादिक़ almghles इस साक्षात्कार के अंत में यमन के खिलाफ सऊदी अरब के हमलों का समर्थन करने से पाकिस्तान के फिर जाने की ओर इशारा किया और कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान की मजबूत कूटनीति, सबब बनी कि पाकिस्तान इस से पलट गया और ईरान ने, ज्ञान के साथ इस्लामी राज्य पाकिस्तान को सऊदी अरब के एक भ्रामक नौटंकी और छल क्रिया से परिचित करा दिया, कि पाकिस्तान यमन के खिलाफ सऊदी अरब के हमले में साथ देने से मूकर गया.