अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) यमनी समाचार एजेंसी (सबा नेट) के हवाले से, यमनी मुस्लिम विद्वानों ने इस बयान में बल दिया: आले सउद के हमलों ने सभी हुरमतों का जिस पर तमाम दिव्य धर्मों और दिव्य कानूनों, संविधानों और अंतरराष्ट्रीय संधियों की शिक्षाओं ने जोर दिया हैं उल्लंघन किया.
इस बयान में यमन और उसके लोगों की अफसोसनाक हालत की ओर इशारा और आया है: यमन हमले, क्रूर आक्रमण, नरसंहार, हत्या, विनाश, भूख का शिकार और वायु, समुद्र और ज़मीन से घिरा हुआ है.
यमनी मुस्लिम विद्वानों ने इस बयान में सभी मुस्लिम राष्ट्रों विशेष रूप से उन मिल्लतों से जिनकी सरकारें सऊदी अरब के साथ इस क्रूर आक्रमण में सहयोगी हैं, आग्रह किया कि इस कार्वाई के विरोध में और अपनी सरकारों को इन हमलों को रुकवाने के लिऐ दबाव डालने के उद्देश्य से प्रदर्शन करें.
इस बयान में सभी क्षेत्रों के यमनी लोगों से भी अनुरोध किया गया है कि इस आक्रामकता के खिलाफ, यूनाइटेड हों और एक कतार में आजाऐं.
दूसरी ओर, येमेनी संस्कृति मंत्रालय ने यू ऐन ओ के वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक संगठन (यूनेस्को), साथ ही मानवीय और सांस्कृतिक विरासत में काम कर रहे सभी संगठनों से यमन के प्राचीन स्मारकों और ऐतिहासिक शहरों पर आक्रमण और बम विस्फोट को रोकने के लिए गंभीर कार्रवाई की मांग की.
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