अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) "अल-फ़ुरात न्युज़ " समाचार साइट के हवाले से, सैयद अम्मार अल हकीम, बगदाद में अपने कार्यालय में आयोजित समारोह में बोलते हुए, रमजान महीने को पश्चाताप और भगवान के पास वापस का महीना बताया और कहा: इन्सान इस महीने में अवसर को ग़नीमत शुमार करे और भगवान से अपने पापों की क्षमा मांगे.
उन्होंने बगदाद पर कब्जे के लिए दाअश की योजना की ओर इशारा करते हुऐ कहाः ग्रैंड अयातुल्ला सिस्तानी का जिहाद क़िफ़ाइ फ़तवा और जनता बलों का जुट जाना दाअश के आगे बढ़ने से रुकावट बन गया और बगदाद के कब्जे के लिए उनकी साजिश और योजना को प्रचुरता कर दिया.
सैयद अम्मार अल हकीम, ने दाअश को कुरान में वर्णित "याजूज और माजूज" के रूप में बताते हुऐ कहा: याजूज और माजूज जालिम क्रूर और सभ्यता से दूर जाति है कि हर शहर और गांव में प्रवेश करते ही, लोगों की हत्या, लूटपाट और बिल्डिंगों के विनाश पर उतर आते हैं और यह विशेषताऐं दाअश में स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं.
इराक़ी इस्लामी सुप्रीम काउंसिल के प्रमुख ने इस बयान के साथ कि दुश्मन पर जीत दुश्मन के साथ मुक़ाबले के लिऐ उचित योजना और कारणों व प्राकृतिक परिस्थितियां उपलब्ध कराना ज़रूरी हैं, कहाः कि प्रभु अपनी दया, आशीर्वाद और सहायता उन लोगों पर जो अपने कार्यों को पूरा करते हैं ज़रूर भेजेगा.
उन्हों ने अपने भाषण के दूसरे हिस्से में, इराक में वर्तमान स्थिति की चर्चा करते हुए कहाः ऐ मक़्बूज़ह ज़मीनों के सपूतो इन क्षेत्रों को आज़ाद कराने में अपनी जिम्मेवारी पर अमल करो, ऐ अधिकारियों आप से चाहता हूं कि इस लड़ाई में लोगों के साथ योगदान दें.
सैयद अम्मार अल हकीम ने अपने भाषण के अंत में कहा: आज, हर जीत कि हासिल हो रही है सभी का प्रयास है कि उसे अपने संबंधित करें जब कि विफलताओं से भाग कर रहे हैं,इन से पूछा जाना चाहिए कि मोसुल की विफलता के लिए क्यों कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है लेकिन जीत को सब भुना रहे हैं ?.
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