अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)समाचार साइट«ISESCO» के अनुसार,इस संगठन ने एक बयान में, उनकी चाहतों से हट कर धार्मिक मतभेद को घृणित और अस्वीकार्य करार दिया.
इस संगठन ने इंडोनेशियाई सरकार से आग्रह किया तेज़ी से इस अपराध की साजिश रचने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाऐ और मुसलमानों और उनकी संपत्ति की राष्ट्रीय कानून के अनुसार समर्थन करे.
इंडोनेशियाई ईसाइयों के एक समूह ने ईद अल-फितर पर एक मस्जिद पर हमला किया, उसको आग लगा दी जिससे एक व्यक्ति की मौत हुई और कुछ लोग घायल हो गऐ.
रिपोर्टों के अनुसार,यह ईसाई समूह जब लोग मस्जिद में ईद की नमाज़ में व्यस्त थे उस में आग लगा दी और पत्थरों से उन पर हमला किया.
उन्होंने इसी तरह पापुआ मुसलमानों की संपत्तियों को जला दिया और मुसलमानों को शहर से पलायन करने पर मजबूर किया.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना ईसाई नेताओं में से एक के पत्र के प्रकाशन के कारण हुई जो ईद की नमाज़ पर प्रतिबंध लगाने पर शामिल था.
ईसाई चर्च ने इस तरह के पत्र जारी करने से इनकार किया है.
इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला मुस्लिम देश है और मुसलमान 237 मिलियन के साथ, देश की 85 प्रतिशत जनसंख्या हैं.
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