अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)समाचार पत्र "डेली टाइम्स" के अनुसार, हाफिज मोहम्मद ताहिर अशर्फी, पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष ने इस मतलब को बयान करने के साथ कहा: आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला इसकी समीक्षा व कारणों और असबाब को दूर किऐ बिना संभव नहीं है और इस महत्वपूर्ण बहस की प्राप्ति के लिऐ मुस्लिम व शांतिप्रिय नेताओं द्वारा इस मुद्दे के बारे में बात और बहस करने के बजाऐ, व्यावहारिक कार्यों को शुरू करें.
उन्हों ने ताजिकिस्तान की राजधानी शहर दुशान्बे में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद से मुक़ाबला"में 32 देशों के प्रतिनिधियों के सामने बोलते हुए, कहाः मुस्लिम समुदाय के नेता काफिरों या गैर मुसलमानों के साथ बुराई की निस्बत देकर अपनी उद्यम जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते हैं.
हाफिज मोहम्मद ताहिर अशर्फी ने कहाः अहंकार और अविश्वास की दुनिया ने मुम्किन है कि अपने लिए कोई नक़्शा तैयार किया हो, लेकिन समस्या यहं है कि इन योजनाओं और साजिशों को मुस्लिम युवाओं के ज़रये चलाया जारहा है.
उन्होंने कहा कि ज़रूरी अभी मुसलमान आतंकवादियों को मजबूत संदेश दें और ऐक आवाज़ में आतंकवादियों के खिलाफ खड़े होजाऐं तथा धमकी, हिंसा, असुरक्षा और इस्लामी पवित्र इमारतों के विनाश जैसे कार्यों और षड्यंत्रों को जनम देने के परिणामों के संबंध में चेतावनी दें.
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