अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)ने अरान न्यूज के अनुसार बताया कि Hojjatoleslam सैय्यद अली अकबर ओचाक़ निजाद ने कल 27 जुलाई को Astara सिटी हॉल नमाजे जुमा पर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि नमाजे जुमा के पैगंबर स0 के ज़माने से लेकर अब तक बहुत बरकात हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति के समय नमाज जुमा के बहुत सारे प्रभाव थे।
अज़रबैजान में वलीए फक़ीह के प्रतिनिधि ने कहा नमाज जुमा की वजह से हमारा मनोबल बढ़ा और इसी के ज़रियह हमने दुश्मन की तब्लीग़ात को नाकाम बना दिया लेहाज़ा हमको चाहिए आज हम भी सब को बताए कि यही नमाज़े जुमा है जिसके ज़रीयह हम कामयाब हो सकते हैं और अपने दुशमन की शाज़िश को सबको बताए।
5मुरदाद 27 जुलाई का नाम जुमा रख़ा ग़या है इस दिन सब से पहली नमाज़े जुमा इस्लामी क्रांति के बाद अयातुल्ला Taleghani की इमामत में आयोजित की ग़ई थी।
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