अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) "Shafaqna"समाचार के अनुसार, "मोहम्मद अल-Massoudi", न्यायशास्त्र के प्रोफेसर और मस्जिदुल हराम के दारुल इफ़्ता के सदस्य ने इस बारे में कहाः 'पवित्र बैतुल्ला में तीर्थयात्रियों को अपने फ़ोटो खींचना और मनासिके हज अदा करते समय तस्वीरों के प्रकाशन के साथ अपने अस्तित्व को साबित करना पाखंड(रियाकारी) और छोटे शिर्क में शामिल है.
उन्होंने कहाः जो लोग तीर्थयात्रा के लिए मक्का आते हैं और संचार के ठिकानों पर अपने व्यस्त की रिकॉर्डिंग और तस्वीरें प्रकाशित करते हैं, वास्तव में पाखंडी हैं.
मस्जिदुल हराम के दारुल इफ़्ता के सदस्य ने बल दियाःजो लोग मक्का में अपनी शूटिंग कर रहे हैं वास्तव में अपनी इबादत को दूसरे चरण में रखते हैं, और अपने दिल व सोच को भगवान के बन्दों में लगा देते हैं जो कि पाखंड और छोटा शिर्क है.
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