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भारतीय पुलिस ने एक शख़्स के पास कुरान के अनूठे संस्करण की जांच शुरू कर दी

19:19 - August 22, 2015
समाचार आईडी: 3350053
अंतरराष्ट्रीय समूह: भारतीय शहर "मैसूर" की पुलिस ने शहर और विश्वविद्यालयों के अधिकारियों से हाल ही में सट्टेबाजों के हाथों से मिले कुरान की जांच शुरू कर दी है.

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) «टाइम्स ऑफ इंडिया» अखबार के अनुसार, नई दिल्ली में इस्लामी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के ऐक प्रोफेसर मैसूर शहर ता कि कुरान की इस प्रति की समीक्षा करें जिसके बारे में कहा गया है कि सत्रहवीं सदी के मध्य में लिखा गया है.
उनके अनुसार, प्रोफेसर शेख अली, हिंदी इतिहासकार ने जो अनुमान लगाया है कि यह क़ुरान 400 साल से अधिक पुराना है सच है.
प्रोफेसर शेख अली ने इससे पहले कहा था कि यह दुर्लभ और अद्वितीय संस्करण भारती मुगल वंश के दौरान और अकबर शाह के शासनकाल लिखा गया और भारत कुरान की सबसे पुरानी प्रतियों में से एक गिनी जाती है.
यह कुरान 604 पृष्ठों और खूबसूरती से काली स्याही में पृष्ठों पर सुनहरे सुलेख के साथ है.
अभिनव Kharh, मैसूर के पुलिस प्रमुख कहते हैं मैं ने कुरान की छवियों को अधिकारियों और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के लिए भेजा है ता कि इसके बारे में वह लोग अपनी राय व्यक्त करें.
उन्होंने कहा कि यह कुरान एक दूसे कुरआन संस्करण जैसा है जो कि एक दशक पहले शहर "श्रीनगर" कश्मीर में एक संग्रहालय से चोरी हो गया था.
मैसूर के पुलिस प्रमुख ने कहा: पुरातत्व विभाग के अधिकारी इस संबंध में काफी सुनिश्चित हैं और जल्द ही मैसूर आ जाएंगे व कुरान की बारीकी से जांच करेंगे.
यह कुरान 2003 में संग्रहालय"प्रताप सिंह» श्रीनगर में लकड़ी के कंटेनर में प्रदर्शन के लिऐ रखा गया था जो चोरी हो गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस एक लंबे समय से उसके पीछे थी, लेकिन कोई सुराग़ ना लगा सकी यहां तक कि 10 अगस्त को मैसूर पुलिस ने 10 दलालों की एक टीम को जो बेचने की कोशिश कर रहे थे, गिरफ्तार कर लिया.
मैसूर पुलिस ने कहा यह कुरान अभी अदालत में है ता कि इसे बनाए रखने के लिए पर आवश्यक निर्णय लिया जा सके.
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