अनुसार अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA)वेबसाइट सदाऐ Balad के अनुसार, अल अजहर ने इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुऐ पश्चिमी देशों की सरकारों से मुस्लिमों का समर्थन करने व उनकी मस्जिदों पर हमले रोकने और विश्वासों के प्रति सम्मान करने का आग्रह किया.
अजहर ने कहा: मुसलमानों और पूजा स्थानों के खिलाफ कुछ उग्रवादी दलों और व्यक्तियों के भड़काने से igniting राजद्रोह और आपसी तनाव बढ़ जाएगा।
यह स्लामी केंद्र ने जोर देकर कहा: इस तरह के काम प्रगतिविरोध शक्तियों के पक्ष में होंगे कि उन लोगों के साथ निपटने और उनको ख़त्म करने के लिऐ हम ऐक होने की जरूरत पर काम कर रहे हैं।
दाइश सोच के साथ निपटने की जरूरत
अब्बास शुमान, अल-अजहर शेख के उपाध्यक्ष ने कल, 16 नवंबर को चरमपंथियों से निपटने के उद्देश्य से फ्रांस के लिए विद्वानों को भेजने के लिए केंद्र की तत्परता जताई।
उन्होंने दाइश अतिवादी विचारों के साथ मुक़ाबले की अपील की और कहा:दाइश से मुक़ाबला पथभ्रष्ट सोच की जरूरत है और सुरक्षा प्रथाओं पर ही सीमित नहीं रहना चाहि।
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