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भारत की इस्लामी जमाअत की सभा में एकता पर जोर

16:52 - April 19, 2016
समाचार आईडी: 3470323
इंटरनेशनल ग्रुप: भारत की इस्लामी जमाअत की बैठक में भाग लेने वालों ने कहा है कि इस्लाम विरोधी ताकतें मुसलमानों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं मुसलमानों और मुस्लिम संगठनों को एक साथ होना चाहिऐ।

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) समाचार पत्र "डेली राजनीति"के हवाले से, भारत की इस्लामी जमाअत की बैठक में भाग लेने वालों ने जो कल, 18 अप्रैल को आयोजित की गई कहा: कि इस्लाम विरोधी ताकतें सांप्रदायिक मतभेद के माध्यम से मुसलमानों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं मुसलमान और मुस्लिम संगठनों को एक साथ होना चाहिऐ ।

इस अवसर पर भारत में आंध्र प्रदेश और उड़ीसा के इस्लामी जमाअत के प्रमुख ख़्वाजा आरिफ़ुद्दीन ने कहा: केवल धार्मिक सहिष्णुता और माफ़ कर देने से ही विकसित और शांतिपूर्ण वातावरण के आनंद की आशा हो सकती है।

आरिफ़ुद्दीन ने कहा जब तक मुसलमान गलतफहमियों को नष्ट करने के लिए काम नहीं करते इन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, इस्लाम धर्म की प्रामाणिकता के परिचय कराने की तत्काल आवश्यकता है।

इलियास खान भारत के इस्लामी जमाअत के अन्य नेता ने भी इस सम्मेलन में इस्लाम में परिवार के महत्व व स्थित बयान की और कहा: पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने महिलाओं पर किसी भी अन्याय को क़ुबूल नहीं किया है।

उन्होंने जारी रखते हुऐ कहा: महिलाऐं मुस्लिम परिवारों में विशेष कर्तव्यों की ज़िम्मेदार हैं जिन में इस्लामी शिक्षण और मूल्यों के अनुसार बच्चों का पालन और इस्लाम का परिचय है।

इलियास खान ने इसी तरह मुस्लिम महिलाओं को कुरान पढ़ने और अपने बच्चों को जिम्मेदारियों को उठाने के लिए घर की जिम्मेदारी देने के लिए प्रोत्साहित किया।

भारत के इस्लामी जमाअत ने फैसला किया है कि हर तीन महीने में नियमित बैठकें आयोजित करने के साथ, मुसलमानों के बीच इस्लामी शिक्षाओं और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाऐंगे।

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