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अहले बैत (अ.स) के आशिक़ भारतीय कवि की मृत्यु पर सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शोक

11:42 - September 29, 2016
समाचार आईडी: 3470790
अंतरराष्ट्रीय समूह: नई दिल्ली में ईरानी सांस्कृतिक हाउस ने धर्मेन्द्र नाथ भारत के महान व प्रसिध्द और अहले बैत (अ.स) के आशिक़ कवि की मृत्यु पर ऐक संदेश में अपनी संवेदना व्यक्त की।
अहले बैत (अ.स) के आशिक़ भारतीय कवि की मृत्यु पर सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शोक

अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इस्लामी संस्कृति और संबंध संगठन की जानकारी डेटाबेस के अनुसार, धर्मेन्द्र नाथ, भारत के महान और प्रसिध्द तथा अहले बैत (अ.स) के चाहने वाले कवि और भारत में एक प्रमुख शोधकर्ता की मृत्यु 82 साल की उम्र में नई दिल्ली, में हो गई।

धर्मेन्द्र नाथ,बहुत महान व भारत के प्रसिध्द कवि कि क्रांति के सर्वोच्च नेता के साथ कवियों की मुलाक़ात में भी कविता पढ़ी थी,24 अप्रेल 1934 में दिल्ली शहर के अच्छे परवार में पैदा हुऐ थे उनके पिता, "गोपी नाथ अम्न लखनवी से प्रख्यात", अहल बैत (अ.स)के कवि, लेखक, पत्रकार, मंत्री और दिल्ली के विधानसभा के उप प्रमुख, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में थे।

धर्मेन्द्र नाथ ऐक कवि व शोधकर्ता ने अपनी प्राथमिक व मेडेल शिक्षा नई दिल्ली में प्राप्ति की फिर लख्नऊ विश्वविद्यालय गऐ और राजनीति विज्ञान में इस विश्वविद्यालय से ऐमऐ व पी ऐच डी की डिग्री ली,वह विश्वविद्यालय अध्ययन पूरा करने के बाद, 41 वर्षों तक प्रोफेसर के रूप में रहे और 1999 में दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान एसोसिएट के रूप में सेवानिवृत्त होगऐ।

धर्मेन्द्र नाथ का परिवार कई पीढ़ियों से हमेशा पैगंबर मुहम्मद (PBUH) और अहले बैत (अ.स)के प्रशंसकों में था उनके दादा, पिता और चाचा भारत में और भारत से बाहर विभिन्न सम्मेलनों में स्तवन और मर्सियह पढ़ा और अपनी कई किताबें इमामों के बारे में स्मृति के रूप में छोड़ी हैं।

उन्हों ने अपने परिवार की इस ख़ासियत को जीवित रखा और अपने कविता आसार को भगवान की तारीफ़ व रसूल अकरम व पाक इमामों की मदह में हम्द व नअत व कसीदे व मनाक़िब, मर्सियों की सूरत में भारतीय व बाहरी समाचार पत्रों व पत्रिकाओं व मग्ज़ीनों में प्रकाशित किया गया है।

धर्मेन्द्र नाथ ने चौथे सम्मेलन "Ghadir की नूरानी बारिश के साय में", जो 1392 हिजरी में ईरान में आयोजित किया गया था, भाग लिया और इस सम्मेलन के मौके पर कहा: हमारा परिवार हमेशा इमाम हुसैन (अ.स) के शोक समारोहों में भाग लेता रहता है, कविता पढ़ता है यह हमारा विश्वास विवेकाधीन नहीं है, बल्कि यह पाक हृदय के साथ है।

इस हिंदी विद्वानों ने कहाः इमाम हुसैन (अ.स) का संदेश मानवता की जरूरत है, इसी लिऐ मैं कवियों और विद्वानों के लिए अनिवार्य जानता हूं कि इमाम हुसैन (अ.स)का संदेश दुनिया में फैलाऐं।

घोषणा के अनुसार, नई दिल्ली में ईरानी सांस्कृतिक हाउस ने इस हिंदू व अहले बैत (अ.स) के चाहने वाले विचारक की मृत्यु के अवसर पर उर्दू प्रेस में ऐक शोक संदेश विज्ञप्ति जारी किया है।

धर्मेन्द्र नाथ के लेखन और कविताएं

"हमारे रसूल", प्रकाशक, दिल्ली में ईरान सांस्कृतिक हाउस वर्ष 1389

"इमाम हुसैन हिदायत के चिराग़", प्रकाशक, दिल्ली में ईरान सांस्कृतिक हाउस वर्ष 2014

"अक़ीदत के अनवार ' प्रकाशक, दिल्ली में ईरानी सांस्कृतिक हाउस वर्ष 2014

तहक़ीक़ाती किताब "इमाम हुसैन की अज़ादारी ऐक वैश्विक तहरीक"

उनके पिता अम्न लखनवी के शब्द संग्रह (2008)

गोपी चंद अम्न लखनवी: जीवन और चरित्र (2003)

मिरर में मिरर (उर्दू लघु कहानी संग्रह) 2003

इन कार्यों के अलावा, हिंदी में 9 पुस्तकें और दो पुस्तकें अंग्रेजी में भी धर्मेन्द्र नाथ की प्रकाशित हुई हैं

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