सूरह तारिक,यह एक ऐसी सूरह है जो न केवल एक चमकते और टकराने वाले तारे के नाम से शुरू होती है, बल्कि इसमें दुनिया और आखिरत (परलोक) के लिए गहरे संदेश और आशीर्वाद छिपे हैं। आइए, हम इस पवित्र सूरह की फजीलत (महिमा) और इसके प्रभावों की यात्रा पर निकलें, जैसा कि पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) और मासूम इमामों (अ.स.) के कथनों से वर्णित है।
सूरह तारिक क़ुरआन की 86वीं सूरह है, जो मक्की है और इसमें 17 आयतें हैं।
पैग़म्बर मुहम्मद (स.अ.व.) ने फरमाया: "जो कोई सूरह तारिक पढ़ेगा, अल्लाह उसे आकाश के तारों की संख्या से दस गुना अधिक नेकियाँ (हसनात) प्रदान करेगा।" (मजमउल-बयान, जिल्द 10, पृष्ठ 320)
एक अन्य हदीस में रसूल (स.अ.व.) ने इरशाद फरमाया: "सूरह तारिक सीखो, क्योंकि अगर तुम जान लो कि इसमें कितने रहस्य, प्रभाव और बरकतें हैं, तो तुम जो कुछ भी हाथ में लिए हो, उसे छोड़कर इस सूरह को सीखने में लग जाओगे और इसके ज़रिए अल्लाह का क़ुरब हासिल करोगे। अल्लाह इसके द्वारा शिर्क (अल्लाह के साथ किसी को साझा करने) को छोड़कर सभी गुनाह माफ़ कर देता है।" (मुस्तदरक-अल-वसाइल, जिल्द 4, पृष्ठ 365)
इमाम सादिक (अ.स.) ने फरमाया: "जो व्यक्ति अपनी वाजिब (अनिवार्य) नमाज़ों में सूरह तारिक पढ़ता है, वह क़यामत के दिन अल्लाह के निकट उच्च स्थान प्राप्त करेगा और स्वर्ग में ईमान वालों का साथी होगा।" (सवाब-अल-आमाल, पृष्ठ 122)
सूरह तारिक के प्रभाव और आशीर्वाद
संक्रमण और घावों से बचाव
पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) से वर्णित है:
"जो कोई सूरह तारिक को लिखकर पानी से धोए और उस पानी से घाव को धोए, तो घाव में सूजन नहीं आएगी। इसी तरह, अगर इसे किसी चीज़ पर पढ़ा जाए जिसकी आप सुरक्षा करना चाहते हैं, तो वह बुराइयों और हानिकारक चीज़ों से सुरक्षित रहेगा।"(तफसीर अल-बुरहान, जिल्द 5, पेज 629)
कीट-पतिंगों और आफतों से सुरक्षा
अगर सूरह तारिक की शुरुआत से दसवें आयत तक चार अलग-अलग कागज़ों पर लिखकर, हर एक को एक खंभे पर रख दिया जाए और उन खंभों को कीट-प्रभावित जगह के चारों कोनों में लगा दिया जाए, तो टिड्डी या अन्य कीड़े उस जगह से खत्म हो जाएंगे।
(खवास-अल-कुरआन व फवाइद, पेज 162)
सूरह तारिक सिर्फ आयतों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह आसमान और ज़मीन के बीच एक पुल है, जो इंसान की भौतिक ज़रूरतों और आध्यात्मिक आकांक्षाओं को जोड़ता है। यह न सिर्फ बीमारियों और कीटों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि क़यामत के दिन इंसान के रुतबे को भी बुलंद करता है। इसकी हर आयत एक नूर है, जो तन और मन के अंधेरों को दूर करती है।
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