मलेशियाई जनरल, दाइश अपराध, इस्लाम और मानवता से कोई संबंध नहीं रखते
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इराकी समाचार एजेंसी नून के हवाले से, मह्दी अज़मी मलेशियाई जनरल ने सलाहुद्दीन प्रांत इराक़ के "तिकरित" शहर में इराक़ी इस्पाइकर एयर बेस का दौरा
करने के दौरान कहाःमुझे जिस बात ने आश्चर्य किया वह यह कि दाइश के इस जघन्य अपराध के प्रति मानवीय और मानवाधिकार संगठनों की उपेक्षा है जिस में 1700 से अधिक छात्रों की मौत हुई है।
इस मलेशियाई जनरल ने बल दिया: जब मैं अपने देश वापस जाऊंगा, एक कार्यक्रम बनाउंगा जिस के माध्यम से उन घटनाओं और अपराधों को जो इराक में हुईं, और इसी तरह इस देश में विभिन्न संप्रदायों व जातीय समूहों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की वास्तविकता को लोगों में नक़्ल करूंगा।
महदी अज़मी ने कहाः इसी तरह इस मुद्दे को भी बयान करूंगा कि तमाम हत्याऐं व बर्बादी कि इराक़ देश में की गई उन छुपे हाथों के माध्यम से अंजाम दी गईं जो यह प्रयास कर रहे हैं कि इराक़ में तरक़्क़ी व विस्तार में रुकावट डालें।
उन्होंने आस्ताने हुसैनी की बेहतरीन मेहमानदारी धन्यवाद और सराहना करते हुऐ कहाः कि आस्ताने हुसैनी के कार्यक्रमों और गतिविधियों का मुख्य दृष्टिकोण सभी संप्रदायों और धर्मों के बीच प्यार और शांति को फैलाना है।
दूसरी ओर, हैदर अल सलामी, आस्ताने हुसैनी के मीडिया विभाग के प्रमुख ने विशेष इस मुलाक़ात के बारे में कहाःयह मुलाक़ात इराक में मौजूद तथ्यों की जानकारी के लिए आस्ताने हुसैनी के अंतरराष्ट्रीय मीडिया विभाग के साथ समन्वय और धार्मिक विद्वानों, गणमान्य व्यक्तियों और अंतरराष्ट्रीय प्रेस व मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने के क्रम में अंजाम पाई ।
उन्हों ने कहाः यह गणमान्य व्यक्तियां, इराक़ी सुरक्षा बलों व जन शक्तियों द्वारा आज़ाद कराऐ गऐ क्षेत्रों का दौरा करने के साथ, इराकी लोगों की एकता और दुश्मन के खिलाफ उनकी एकजुटता को देखेंगे, और इसी तरह धार्मिक संस्थाओं और पवित्र रौज़ों का भी सर्वेक्षण करेंगे और इराक़ी घटनाओं व हालात को अंतरराष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से झूठ और विकृतियों के बिना नक़्ल करेंगे।
यह ध्यान दिया जाना चाहिएःकि उत्तरी इराक सलादीन प्रांत के शहर तिकरित में Aspaykr एयर बेस में दाइश तक्फ़ीरी-आतंकवादी संगठन के अपराध 11 से 15 जून 2014 में अंजाम दिऐ गऐ थे इस तरह कि कि हमले के समय लग भग 4 हजार सैन्य छात्रों को, जो बेस में निहत्थे थे इन के बीच में इस एयर बेस के 1700 शिया निहत्थे छात्रों को सामूहिक मार दिया गया था।