अलअवामियह के शियाओं के घरों के विनाश पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी (IQNA) समाचार"अल-आलम" के हवाले से, सऊदी के शिया आबादी वाले प्रांत क़तीफ़ में अलअवामियह शहर में "अलमसूरह"मोहल्ला सउदी सुरक्षा बलों और लोगों के बीच संघर्ष की उपरिकेंद्र है कि विनाशकारी ताकतों द्वारा हमलों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं ।
इस संघर्ष में, लोगों की ऐक संख्या सरकार की नज़र में हिंसक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में मारी गई है।
इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने, सऊदी शासन से आग्रह किया है कि इस मोहल्ले में जल्द ही लोगों के घरों पर विध्वंस कार्वाई को समाप्ति करे और क्षतिपूर्ति क्षति के लिए लोगों को तावान अदा करे लेकिन आले सउद शासन ने इस सवाल कोई जवाब नहीं दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार उच्चायुक्त ने भी 24 मई को एक बयान जारी करके इस मोहल्ले पर सऊदी हमलों को मानव अधिकारों के उल्लंघन बताया और इस देश से आग्रह किया है बहुत जल्दी अलअवामियह शहर में 400 वर्षीय ऐतिहासिक मोहल्ले अलमसूरह पर हमले रोके।
बयान में कहा गया "संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने बल दिया है कि चिंता प्रकट करने में हमारे कई प्रयासों और इस मोहल्ले पर संयोजित हमले के बारे में सऊदी सरकार से सफ़ाई मांगने के बावजूद भी, सशस्त्र बलों के समर्थन से बिल्डोजरों ने इस ऐतिहासिक मोहल्ले और अलअवामियह के अन्य क्षेत्रों के विध्वंस को 10 मई से शुरू किया और इस अवधि के दौरान बहुत लोगों की हत्या की गई है या घायल किया और लोगों के घरों को गंभीर क्षति पंहुचाई गई है"।
"करीमा बनून", UNHCR में सांस्कृतिक अधिकारों की अधिकारी ने कहा है इस हमले में भवनों और ऐतिहासिक स्थानों को आग का नेवाला बनना पड़ा है और इतना अधिक क्षतिग्रस्त हो गऐ हैं कि अब मरम्मत के भी लायक़ नहीं हैं इसी तरह सैन्य द्वारा बुलेट और हथियारों के उपयोग के कारण लोगों ने जान के डर से अपने घरों को छोड़ दिया है।