ब्रिटेन में चरमपंथियों के साथ सऊदी का गहरा संबंध
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) अल-आलम समाचार नेटवर्क के हवाले से, बीबीसी की रिपोर्ट है, "हेनरी जैक्सन सोसायटी" की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में सऊदी अरब उग्रवाद का सबसे महत्वपूर्ण विदेशी समर्थक माना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में सक्रिय थिंक टैंक के मुताबिक, ब्रिटेन में उग्रवाद को बढ़ावा देने और इस दृष्टिकोण का समर्थन करने वालो समूहों की वित्तीय सहायता में सऊदी अरब और अन्य फारस की खाड़ी अरब देशों की भूमिका का पता लगाया जाना चाहिऐ।
यह उस समय है, जबकि ब्रिटेन में सऊदी दूतावास रिपोर्ट में उठाए गए दावों को झूठा मान रहा है। लेकिन ब्रिटिश सरकार उग्रवादी समर्थक समूहों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए देश के दबाव में है।इन समूहों के बारे ब्रिटिश गृह मंत्रालय की रिपोर्ट अभी तक मुकम्मल नहीं हुई है और प्रकाशित न होने के बारे में संदेह मौजूद है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक जो आज बुधवार 5 जूलाई कोप्रकाशित हुई है फारस की खाड़ी कई अरब देशों मस्जिदों और इस्लामी शिक्षण केंद्रों को जो कि अतिवाद के प्रचारक हैं वित्तीय सहायता देकर ब्रिटेन में इन विश्वासों बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं इन देशों में सऊदी अरब सबसे आगे है जो "कट्टर वहाबी विचारधारा" के प्रसार के साथ उग्रवाद के प्रसार में लिप्ति है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में कुछ संस्थान ऐसे हैं कि सऊदी अरब उन्हें वित्त पोषण प्रदान करता है आरोप लगाया गया है कि सीधे तौर पर सऊदी से चलाऐ जारहे हैं।