पाकिस्तानी हज तीर्थयात्रियों के कोटे में 35 हज़ार की वृद्धि
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) इस्लामाबाद में ईरानी सांस्कृतिक परामर्श के हवाले से, इंडोनेशिया 221 हज़ार आगंतुकों के साथ, पाकिस्तान 177 से अधिक हज़ार तीर्थयात्रियों के साथ और भारत 170 हजार तीर्थयात्रियों के साथ 2017 में हाजियों में सबसे बड़े हिस्से के मालिक हैं।
पिछले साल 143 हजार पाकिस्तानियों ने तीर्थयात्रा के लिए यात्रा की थी और अब इस साल पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों के कोटे में 35 हजार लोगों की पिछले साल की तुलना में वृद्धि की गई है।
पाकिस्तान देश में हज मामलों को सरकार द्वारा संचालित किया जाता है पाकिस्तान के धार्मिक मामलों का मंत्रालय हज मामलों का ज़िम्मेदार है और समाचार पत्र, रेडियो और टीवी, लोगों को हज पंजीकरण के बारे में पता देते हैं इस के अलावा धार्मिक मामलों का मंत्रालय भी सार्वजनिक स्थानों पर पंजीकरण के बारे में सांकेतिक स्थापित कर देता है।
एक तीर्थयात्री शारीरिक रूप से विकलांग नहीं होना चाहिऐ और महिलाऐं भी पति के बिना हज यात्रा नहीं कर सकती इस देश में सऊदी अरब को प्रस्थान के लिए कोई सीमा नहीं है। और हर कोई अपनी क्षमता का आकलन कर के और लगातार हर साल सऊदी अरब में हज की रस्में अदा करने जा सकता है।
पाकिस्तानी सरकार हज प्रबंधन के लिए कुछ व्यक्तियों को प्रशिक्षण देती है और तीर्थयात्रियों की शिक्षा और हज मामलों पर निगरानी काम भी सरकार से संबद्धित संगठनों द्वारा अंजाम दिऐ जाते हैं,पाकिस्तानी तीर्थयात्री किसी भी संभावनाओं को अपने से सऊदी अरब के लिए भेज नहीं सकता है और अपनी सभी आवश्यकताओं गंतव्य देश से प्रदान करता है पाकिस्तान में तीर्थयात्रियों के कारवां का परिचय रवाना होने से एक सप्ताह पहले है।
सरदार मोहम्मद यूसुफ़, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री ने पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय के बारे में पिछले साल कहा था कि तीर्थयात्रियों के मौजूदा स्थल से सुरक्षित होने के लिए, छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्टर (जीपीएस)मोबाइल फोन, घड़ियां, हार या अंगूठी से जुड़े होंगे ता कि मौजूदा स्थल या उनके चलन के रास्ते का पता लगाया जा सक।
उल्लेखनीय है कि, प्रत्येक देश के लिए हज कोटा, ओआईसी के संकल्प के आधार पर प्रत्येक देश की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित होता है कि उसकी निसबत हजार लोगों के अनुपात से एक है। हालांकि कुछ देशों के कोटे द्वारा संकेत मिलता है कि सऊदी अरब कम से कम अपने सहयोगियों के खिलाफ (फारस की खाड़ी के कुछ देश) इस कानून का पाबंद नहीं है, क्योंकि कुछ सालों में कुवैत या संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों का कोटा उनकी जनसांख्यिकीय की तुलना कहीं अधिक कोटा निर्धारित किया जाता है इसी लिऐ कुछ देश बराबर हज कोटा में वृद्धि की मांग करते रहते हैं।