इसराइल के साथ संबंधों का बहिष्कार करने पर भारतीय विद्वानों की बैठक
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) बम्बई में ईरानी संस्कृति हाउस के अनुसार, अकादमी "रज़ा" की ओर से एक बैठक बिलाल मस्जिद मुंबई महानगर में मुस्लिम विद्वानों और बुद्धिजीवियों की उपस्थिति के साथ मुसलमानों के पहले किबले की हिफ़ाज़त कैसे हो और ग़ासिब इजराइल से वापसी के लक्ष्य के साथ आयोजित की गई।
मौलाना मोइन मियाँ बैठक में वक्ताओं में से ऐक ने, अल अक्सा मस्जिद में हाल की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहाः कि भारत एक स्वतंत्र देश के रूप में मक़्बूज़ा ज़मीनों में मुसलमानों को बचाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा को काम में लाऐ, इसके अलावा जितनी जल्दी हो सके इजरायल के साथ अपने संबंधों को तोड़ देना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि इसराइल केवल मुसलमानों का दुश्मन नहीं बल्कि मानवता का भी दुश्मन है इजरायल की कंपनियां हथियारों की बिक्री के लेहाज़ से दुनिया में पहले नंबर पर हैं और यह सभी हथियार सामूहिक विनाश के लिए हैं।
इस मुस्लिम विद्वान ने भारतीय मुसलमानों से आग्रह किया कि शुक्रवार की नमाज़ में क़ुद्स और पीड़ित फिलीस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें और भारत के विद्वानों और विचारकों से भी इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के साथ एक बैठक करने की मांग की।
मुफ्ती अब्दुल सत्तार, रजा अकादमी की अधीक्षक ने कहा कि सह्यूनियों ने मुसलमानों पर दुन्या तंग कर दी है और दिलचस्प यह है कि इन सभी हिंसा कृत्यों के बावजूद मानव अधिकारों का दावा करने वाले संगठनों में से किसी ने इजरायल के खिलाफ कोई कार्वाई ख़्वाह कुछ हो भी नहीं की।
उन्होंने कहा कि इजरायलियों ने मुसलमानों को लक्षित किया है और पश्चिमी देशों ने यहूदी शासन के अपराधों के खिलाफ चुप्पी अपना ली है।