क़तीफ़ में सांकेतिक भाषा में नमाज़े जुमा का ख़ुत्बह
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA) समाचार पत्र जहीनतुल अख़्बारियह के अनुसार, "नजीब अल अली", धार्मिक विद्वान हैं जो हर हफ्ते बहरों के लिए अल-रिसालह मस्जिद के शुक्रवार प्रार्थना उपदेश का अनुवाद करने के उद्देश्य से जो विभिन्न भागों से इस मस्जिद में आते हैं अल-अह्सा से पूर्व सऊदी अरब के शिया प्रांत कतीफ़ तक 200 से अधिक किमी दूरी को तय करते हैं।
उन्हों ने समाचार पत्र अल जहीनतुल अख़्बारियह के साथ अपने साक्षात्कार में, अपने इस काम को लक्ष्य को भगवान की संतुष्टि की तलाश और बधिरों की मदद करना बताया कि जिनकी ओर कम ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने बहरे लोगों को धार्मिक शिक्षा के महत्व और उन्हें शिक्षित और अशिक्षित युवाओं सहित सामान्य जनता के साथ जोड़ने पर जोर देते हुऐ बहरे लोगों की मदद के लिऐ स्वयंसेवा करने का आग्रह किया।
इस धार्मिक विद्वान ने इसी तरह बहिरे बच्चों पर ध्यान देने के लिए परिवारों की आवश्यकता पर जोर दिया और आगे की कार्वाई के लिए उनको भाषा सिखाना और अपने बच्चों को भविष्य में आने वाले खतरों से बचाने पर बल दिया।