इंटरनेशनल कुरान न्यूज एजेंसी (IQNA)ने एनएसटी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रोहंग्याई मुस्लिम अल्पसंख्यक दो हज़ार म्यांमारी शरणार्थी भी जिन्हों ने मलेशिया में शरण ली है, उपर्युक्त अभियान में शामिल होंगे।
इन रोहिंग्याई मुस्लिम महिला और पुरूष लोग जो म्यांमार से (हाल के वर्षों की हिंसा के बाद) मलेशिया में भागने में कामयाब रहे और इस देश को अपने घर के रूप में चुना है मलेशियाई लोगों और अन्य देशों के मुसलमानों के साथ कुरान अभियान में कि, अरफ़ह के दिन सुरऐ यासीन पढ़ने के लिए मख़्सूस किया है, शामिल हो रहे हैं।
विश्व अभियान कुरानी घंटा मलेशिया की पहल पर दूसरी बार इस वर्ष आयोजित किया जाएगा और उसका उद्देश्य मुसलमानों को पवित्र कुरान पढ़ने, ध्यान व चर्चा करने के लिऐ प्रोत्साहित करना है ।
इनमें से कुछ रोहिंगी शरणार्थी राहत एजेंसियों द्वारा समर्थित हैं, और बाकी कुआलालंपुर उपनगरों में शरणार्थी घरों में रह रहे हैं।
अब्दुर्रज्ज़ाक़ अब्दुल मतीन, रोहिंग्याई बच्चे ने कहाः कि बहुत उत्साहित हैं कि इस साल इस महान कार्यक्रम में भाग लेंगे।
वह, जो सुरऐ यासीन को रवानी के साथ पढ़ सकता है, 2013 से मलेशिया में अपने परिवार के साथ रहता है।
तदनुसार, मलेशिया भर में कल 3,000 स्थान वैश्विक कुरानी घंटा कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे।