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पोप ने Rohingya मुसलमानों का नाम तक नहीं लिया

18:07 - November 28, 2017
समाचार आईडी: 3472033
अंतर्राष्ट्रीय पैनल:पोप फ़्रांसिस ने आज 28 नवंबर को अपनी म्यामार यात्रा में इस बौद्ध देश के धार्मिक नेताओं के साथ(ऐन मतभेदों में ऐकता)पर बल दिया लेकिन रोहंगिया मुसलमानों की ओर ऐक इशारा तक नहीं किया।

पोप ने Rohingya मुसलमानों का नाम तक नहीं लिया

अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) रायटर के अनुसार, पोप फ्रांसिस जब कि रोहिंग्या मुसलमानों का उल्लेख नहीं किया कि म्यांमार में इस मुस्लिम अल्पसंख्यक का "नरसंहार" और बांग्लादेश में उनके बड़े पैमाने पर नजात पाना एक बड़ा मानवीय संकट बनने वाले है।

फ्रांसिस ने म्यांमार में धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक में कहाः कि एकता हमेशा धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का उत्पाद है। प्रत्येक व्यक्ति के अपने मूल्यों, परंपराओं, और ताकत में अंतर हैं, यह भी धर्मों के बारे में सच है

उन्होंने कहाः कि परंपराओं और विभिन्न धर्मों की शक्तियों और मूल्यों में साझा करना शांति की छाया को छोड़कर हासिल नहीं किया जा सकता है मगर सुल्ह के साय में।

पोप फ्रांसिस ने जबकि अपने जटिल राजनयिक कैरियर की यात्रा के समय में रोहिंग्या मुसल्मानों का उल्लेख नहीं किया कि इस साल अगस्त में म्यांमार सैन्य द्वारा हिंसक दमन की वजह से रोहिंग्या मुस्लिमों के भागने की रिपोर्ट के जवाब में अपनी पहली प्रतिक्रिया में, लोगों से कहा था कि" रोहिंग्या भाइयों" के लिऐ प्रार्थना करो।

उस समय, पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी ऑफ सेंट पीटर्स में दर्शकों की भीड़ में कहा था: आओ भगवान से दुआ करें कि उनको बचा ले, और नेक तीनत पुरूषों और महिलाओं को उनके पूर्ण अधिकार प्राप्त करने में मदद करें।

यह कहा जाता है कार्डिनल, "चार्ल्स माउंग बो," म्यांमार के सबसे बड़े शहर (यांगून) के आर्कबिशप ने पोप को सिफारिश की है कि म्यांमार की यात्रा के दौरान "रोहिंग्या" शब्द का उपयोग करने से बचें, एक शब्द है कि म्यांमार के सरकारी और सैन्य अधिकारी उसको अधिकारिक तौर पर नहीं पहचानते हैं।

लेकिन मानवाधिकार समूहों ने फ्रांसिस से आम भाषणों और आंग सांग सूची व सैन्य जनर्लों के साथ निजी बैठकों में रोहिंग्या शब्द का उपयोग नागरिकों के अधिकार और बुनियादी मानवाधिकार से वंचित इस समूह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए करें।

पोप ने अपनी म्यांमार की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन सेना प्रमुख के साथ शहर यांगून में निजी बातचीत की और म्यांमार में सत्ताधारी पार्टी के नेता औंग सान सु ची से मिलना भी तय है।

म्यांमार के बाद, पोप फ्रांसिस, कैथोलिक दुनिया के नेता, बांग्लादेश के लिए जाएंगे।

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