
बहरीनी कार्यकर्ताओं को यातना देने पर पांच मानव अधिकार संस्थानों का विरोध
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार ऐजेंसी(IQNA)के लिऐ सहाफतुक समाचार एजेंसी के हवाले से, लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिऐ शांति संगठनों, बहरीनी और योरिपीय मानवाधिकार संगठन, फारस की खाड़ी में मानव अधिकारों के केंद्र और लोकतंत्र अध्ययन केंद्र, बहरीन मानवाधिकार संघ ने एक बयान जारी करके मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के अत्याचार और उनके परिवारों पर यातना कार्रवाई के खिलाफ कड़ी की आलोचना की।
इन अधिकार संगठनों ने मुहम्मद सुल्तान के भाई यूनिस अहमद सुल्तान बहरीनी मानव अधिकार कार्यकर्ता और मानवाधिकार सेंटर सदस्य के भाई की गिरफ्तारी की ओर इशारा करते हुऐ जिन्हों ने मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के परिवारों पर दबाव देने में बहरीनी सुरक्षा बलों की भागीदारी की सूचना दी थी,बल दियाःबहरीन में यातना नीति जैसे यौन उत्पीड़न सहित संगठित और व्यवस्थित किया जारहा है।
इस बयान में इसी तरह एक अन्य कानूनी कार्यकर्ता यूनिस जिसे शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और यौन उत्पीड़न के अधीन किया गया की ओर भी इशारा किया गया है।
इस बयान में बहरीन के सरकार से अपील की है कि इस बारे में गंभीर जांच करे और अनुच्छेद 2 के तहत संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानवाधिकार रक्षकों समर्थन की घोषणा जो कि 9 दिसंबर, 1998 को संयुक्त राष्ट्र की जर्नल बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कानूनी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को लक्ष्य बनाने को रोका जाऐ।
इन कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इसी तरह मिशेल फ़रस्त, मानवाधिकार रक्षकों की स्थिति के विशेष रिपोर्टर को बहरीन की यात्रा और मानव अधिकार रक्षकों और उनके परिवारों की वास्तविक स्थिति की जांच करने के लिए जाने की अपील की है।
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