इंटरनेशनल कुरान न्यूज एजेंसी (IQNA) ने हफ़िंगटन पोस्ट न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक बताया कि न्यूयॉर्क इंटरफेथ सेंटर के चीफ (Chloe Breyer) इस आंदोलन में जो शुक्रवार 26 जनवरी को प्रआयोजित किया ग़या था उसमें कहा कि "हमें उम्मीद है कि इस मानव मंडल ने पूजकों को मदद दे सकती है।" (उनमें से ज्यादातर न्यू यॉर्क के छात्र)थे।
उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के साथ एकता की घोषणा में प्रतीकात्मक महत्व और व्यावहारिक महत्व का एक बड़ा हिस्सा है, जिसको अमेरिकी लोगों को करना चाहिए।
न्यूयॉर्क आप्रवासियों के गठबंधन के सदस्य मुराद ओओदह ने भी शुक्रवार को आंदोलन के आयोजन में कहा कि मुसलमान ट्रम्प का पहला लक्ष्य थे, और आप्रवासियों के खिलाफ उनके कार्य जारी रहेग़ा।
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