
IQNA की रिपोर्ट जह्नियह समाचार के ई-नुस्ख़े के मुताबिक; "शेख़ सफ़्फ़ार" ने कल मंगलवार, 1मई, को सऊदी अरब के सीहात में स्थित हुसैनियह, नासिर में एक भाषण के दौरान कहा, यह मानव जाति के हित में है कि असहमति और शत्रुता को भले ही उनके पास बौद्धिक और धार्मिक मतभेद हों,किनारे रखें और अधिक्तम आम जमीन की तलाश करें।
उन्होंने इस बयान के साथ कि अपने मतभेद और आवर्धन की तलाश नहीं करनी चाहिए कहाः कि इमाम ज़ममान (अ.स) के जन्मदिन जैसे समारोह, मुसलमानों के बीच शांति और दोस्ती का कारण बनना चाहिए और विवाद के विषय में नहीं बदलना चाहिए।
इस शिया आलिम ने जारी रखते हुऐ कहा, "शिया और सुन्नी के बावजूद सभी मुसलमानों का मानना है कि इस्लाम के प्रिय पैगंबर (स.व.) ने इमाम महदी (अ.ज.) की बशारत दी है और कहा है कि वह फातिमा ज़हरा (स.) के बेटों में से होंगे। यह इस्लाम की सार्वभौमिकता को दर्शाता है और मुसलमानों को इस पहलू को मजबूत करने की कोशिश करनी चाहिए।
शेख़ सफ़्फ़ार ने कहा कि 17 सुन्नी आलिमों की एक सूची है जिन्होंने हज़रत महदी (अ.ज,) से संबंधित हदीस सुनाई है। विवरणों पर असहमति मुस्लिमों के बीच सहयोग और सहायता के लिऐ रुकावट नहीं होनी चाहिए या उनके बीच फूट डालें।
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