
अनातोलियन समाचार एजेंसी द्वारा उद्धृत IQNA के अनुसार; विस्थापित लोगों की वापसी और गाजा पट्टी की घेराबंदी को उठाने के लिए उच्च समिति ने एक बयान जारी करके फ़िलिस्तीनी गुटों से अपील की है कि, आज मक़्बूज़ा ज़मीनों के साथ गाजा के सीमावर्ती पट्टी के विशाल विरोध प्रदर्शन में भाग लें ।
समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस्लामी और अरब देशों को फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए ऐक स्थिति लेनी चाहिए।
इस बयान में आया है कि ज़ायोनीवादी साजिश फिलिस्तीनी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है, और इजरायल के साथ संबंधों के सामान्यीकरण से पूरे मुस्लिम जगत को उनकी बुरी योजनाओं का नुक़्सान हो सकता है।
30 मार्च का दिन, जिसे फिलिस्तीनियों ने "यौमुलअर्ज़" के रूप में मनाया, वास्तव में 1967 में हुई घटनाओं की सालगिरह है, लेकिन पिछले साल फिलिस्तीनियों के एक समूह ने ज़ायोनी शासन के अपराधों के खिलाफ विरोध "रिटर्न एंड ब्रेक द सीज" नामक रैली में भाग लेने का फैसला किया।
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