
अल-सुमरिया न्यूज एजेंसी के हवाले से IQNA की रिपोर्ट; इस पत्र में आया है "हम मध्य और दक्षिणी इराक के ख़िद्मतगुज़ार लोगों ने इराक का समर्थन करने के लिए आपकी आज्ञा के तहत तलवार चलाने का वादा किया और साल 2003 से अब तक आपकी दावत पर लब्बैक कह रहे हैं इस रास्तते, हमने बहुत शहीदों को पेश किया है। यह सभी शहीद अपनी मातृभूमि और आपके नाम पर क़ुर्बान होगऐ।
इस पत्र में इसी तरह जोर दिया गया: आज, हम आपसे धर्म और मानवता की ख़ातिर मांग कर रहे हैं कि देश में सरकार के पतन और इस देश में कानून का शासन ना होने और प्रदर्शनों की आड़ में स्थानीय गिरोह, माफिया और कॉपीराइट धारकों के खिलाफ़ एक सख़्त रुख़ अपनाएं।
मध्य और दक्षिणी इराक के शेखों ने अयातुल्ला सीस्तानी को लिखे अपने पत्र में जोर दिया: हम अच्छी तरह से जानते हैं कि राजनेताओं ने आपके दिल को घायल कर दिया है और उनकी पार्टियों ने इस भूमि को भ्रष्टाचार, गरीबी और विनाश में मुब्तला कर दिया है। आप उन्हें नज़्म(तर्तीब) देना चाहते हैं और चाहते हैं कि लोग अपने अधिकारों का मुतालेबा करें। मुद्दा आपके लिए स्पष्ट है। इसलिए आप अपने प्रतिनिधियों और ट्रस्टियों से पूछें, वह आपको बताऐं कि मध्य और दक्षिणी इराकी प्रांतों में क्या हो रहा है। क्योंकि इसमें देरी नहीं की जासकती है और हर पल एक निर्दोष व्यक्ति का खून बहाया जारहा है, कार्यालयों में आग लगा दी जा रही है और सार्वजनिक सड़कों को बंद कर दिया जाता है। इसलिए, आपको इस्लामी न्यायशास्त्र और शरीअत के आधार पर व देश की व्यवस्था को बचाए रखने के लिए हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
इस पत्र में आया है: हम खानाबदोशों के बच्चे हैं, हमारे हथियार हाज़िर, और हमारी आत्माएं शहादत देने के लिए तैयार हैं और यदि आवश्यक हुआ, तो भ्रष्ट पक्षों और व्यक्तियों का मुक़ाब्ला करेंगे। हम माल और मुक़ाम हासिल करने के लिए इन प्रदर्शनों का फायदा उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को अस्वीकार करते हैं। दक्षिण में सभी सेवा परियोजनाएं बाधित हो गई हैं और उनका पैसा सुरक्षित प्रांतों में चला जारहा है। हम खो गए हैं और हमारे सामने कोई समाधान नहीं है।
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