
IQNA की रिपोर्ट फ्रांस-प्रेसे एजेंसी के अनुसार, पूर्वी भारत के इस शहर में 8,000 से अधिक ईसाइयों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
विरोध रैली के आयोजकों ने नए नागरिकता कानून को विभाजनकारी बताया और इस क़ानून के विरोधियों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
इसी तरह प्रदर्शनकारियों ने नागरिक पंजीकरण कार्यक्रम को रद्द करने का भी आह्वान किया, जिसे नई दिल्ली बंगाली मुसलमानों को भारत से निष्कासित करने के उद्देश्य से लागू करने जारही है।
हाल के हफ्तों में भारतीय नागरिकता कानून को पारित करने और लागू करने से देश भर के विभिन्न शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
इस कानून के तहत, तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बौद्ध, हिंदू, ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों में से शरण चाहने वालों को भारतीय नागरिकता दी जा रही है।
भारत के मुस्लिम और मानवाधिकार समूह कानून को भेदभावपूर्ण मानते हैं क्योंकि यह मुसलमानों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से रोकता है, इसे हिंदू राष्ट्रवादी सरकार द्वारा इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ एक और प्रयास के रूप में वर्णित किया गया है।
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