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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इमाम:

कई मोर्चों पर लड़ने वाली सेना हार जाती है

7:38 - October 16, 2022
समाचार आईडी: 3477891
तेहरान (IQNA) मौलाना सैयद मुहम्मद तकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इमाम हैं। आप लगभग 40 वर्षों से इस विश्वविद्यालय में इमामत की ड्यूटी कर रहे हैं।

मौलाना सैयद मुहम्मद तकी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इमाम हैं। आप लगभग 40 वर्षों से इस विश्वविद्यालय में इमामत की ड्यूटी कर रहे हैं।

आप इमामत के अलावा गरीब छात्रों की मदद का काम भी करते हैं। ऐसे कई छात्र हैं जिन्होंने आपकी मदद से उच्च विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल की है और अब देश और विदेश में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। ये मदद आप कभी अपनी जेब से तो कभी दूसरे लोगों के जरिए करते हैं। 

अच्छा व्यवहार और दूसरों की समस्याओं का ख्याल रखना आपके उत्कृष्ट गुणों में से एक है, यही वजह है कि साल के बहुत कम दिन ऐसे होते हैं जब आपके घर में मेहमान नहीं होता है। 

आपकी सामाजिक सेवाओं के कारण, कई संगठन आपको प्रशंसा पत्र देना चाहते थे, लेकिन आप ऐसे मिजाज के नहीं हैं और आप ऐसे कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते हैं। अल्लाह आपकी सेवाओं को कबूल करे। आमीन।

 एकता के विषय पर आपसे एकना की बातचीत का सारांश नीचे दिया गया है:

 

  • किताब और सुन्नत में एकता का क्या महत्व है?

कुरान में एकता पर बहुत जोर दिया गया है। भेदभाव वर्जित है। इस संबंध में अनेक आयतों में बयान किया गया है और विभिन्न प्रकार से एकता में रहने और विभाजन से दूर रहने की सलाह दी गई है। सुन्नत में भी इसी तरह से एक होने को कहा गया है। खुद बनी करीम सल्लाहों अलैहे वा आलेह और उनके अहलबैत अलैहिमु सलाम का इतिहास हमें बताता है कि हमें हमेशा एक उम्मा के रूप में एकजुट रहना चाहिए।

 

  • कौन से मुद्दे इस्लामी एकता के कारण और कारक बन सकते हैं?

मतभेदों को मत बढ़ाओ, मतभेदों को बड़ा मत बनाओ, उन्हें मुद्दा मत बनाओ। तौहीद, नूबूवात, क़िबला, क़ुरान, अहल अल-बैत जैसी सामान्य चीज़ों पर अधिक ज़ोर देना।

 

  • इस्लामी एकता बनाने का तरीका क्या हो सकता है?

इस संबंध में बहुत कुछ किया जा सकता है। एक-दूसरे के कार्यक्रमों में जाना। यदि उनके बीच कोई गलतफहमी है, तो उसे एक साथ सुलझाना और संचार का रास्ता अपनाना ये सभी एकता के तरीके हैं।

 

  • विभाजन के बुरे प्रभाव क्या हैं?

विभाजन के अनेक दुष्परिणाम होते हैं। सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि एक विभाजित उम्मत प्रगति नहीं कर सकती। क्योंकि हर कौम में एक शक्ति होती है, इसलिए उस शक्ति का उपयोग कई जगहों पर नहीं किया जा सकता है। अगर इस शक्ति और ऊर्जा को विभाजन में इस्तेमाल किया जाता है, तो विकास और सफलता में निवेश करने के लिए कुछ भी नहीं बचता है। कई मोर्चों पर लड़ने वाली सेना हार जाती है।

 

  • हम जिधर भी इतिहास पर नजर डालते हैं, तो पाते हैं कि इस्लाम के दुश्मन हमेशा इस्लामी उम्मत के बंटवारे और एकता टूटने से बेहद खुश रहते हैं, इसका क्या कारण है?

इसका मुख्य कारण यह है कि वे नहीं चाहते कि इस्लामी उम्मा आगे बढ़े और विकसित हो, वे मुसलमानों को पिछड़ा देखना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के षडयंत्र रचते हैं और बंटवारे को देखकर सोचते हैं कि उनकी साजिश सफल हो रही है।

 

  • आपके समाज में प्रमुख व्यक्तियों के बीच एकता का क्या महत्व है?

अन्य राष्ट्रों के बीच इस्लामी उम्मा का सही प्रतिनिधित्व करें और कौम को सम्मान दें। अपने मतभेदों को दूसरों के पास न ले जाएं।

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