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मनुष्यों के लिए परमेश्वर की पर्दापोशी का नमूना

15:04 - March 20, 2023
समाचार आईडी: 3478747
IQNA TEHRAN: इमाम सज्जाद (अ.स.) ने फ़रमाया कि आपको दूसरों की इज़्ज़त रखने के लिए और दुसरो की बुराईयों की पर्दापोशी करने के लिए परमेश्वर से सीखना चाहिए

इमाम सज्जाद (अ.स.) ने फ़रमाया कि आपको दूसरों की इज़्ज़त रखने के लिए और दुसरो की बुराईयों की पर्दापोशी करने के लिए परमेश्वर से सीखना चाहिए

 

होज़ाए इल्मिया क़ुम के प्रोफेसर होज्जत-उल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन जवाद मोहद्दिसी ने उन खूबसूरत दुआ व मुनाजात के कुछ अंशों पर चर्चा की, जिन्हें मुनाजाते शाबानियाह कहा जाता है। इस में आप आगे पढ़ेंगे: «إِلٰهِى كَيفَ آيَسُ مِنْ حُسْنِ نَظَرِكَ لِى بَعْدَ مَماتِى وَأَنْتَ لَمْ تُوَلِّنِى إِلّا الْجَمِيلَ فِى حَيَاتِى؛ إِلٰهِى تَوَلَّ مِنْ أَمْرِى مَا أَنْتَ أَهْلُهُ، وَعُدْ عَلَىَّ بِفَضْلِكَ عَلىٰ مُذْنِبٍ قَدْ غَمَرَهُ جَهْلُهُ. إِلٰهِى قَدْ سَتَرْتَ عَلَىَّ ذُنُوباً فِى الدُّنْيا وَأَنَا أَحْوَجُ إِلىٰ سَتْرِها عَلَىَّ مِنْكَ فِى الْأُخْرىٰ.»

 

पिछले श्लोकों में, हम पढ़ते हैं कि, हे परमेश्वर, जीवन भर तेरी भलाई और कृपा मेरे साथ रही है, और मृत्यु के बाद भी इस अच्छाई और एहसान को मुझसे दूर न कर। हमारे पास आशा है और मृत्यु के बाद हम तेरी दया से कैसे निराश हो सकते हैं, जबकि तू ने जीवन भर मेरे साथ दया और सुंदरता के अलावा कुछ नहीं किया।

 

अल्लाह हमारे जीवन के दौरान हमारे मामलों का संरक्षक है और हमारा जीवन और अस्तित्व भगवान की देखभाल पर निर्भर करता है और हम उम्मीद करते हैं कि वह मृत्यु के बाद भी हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार करे और हमारे साथ अच्छी निगाह रखे। 

 

«وَعُدْ عَلَىَّ بِفَضْلِكَ عَلىٰ مُذْنِبٍ قَدْ غَمَرَهُ جَهْلُهُ»

«हे परमेश्वर, अपनी कृपा के साथ मेरे पास लौट आ؛ (यानी, मुझे अपनी भलाई और कृपा दिखा); मैं एक पापी हूँ जिसका अज्ञान उसके पूरे अस्तित्व पर हावी हो गया है और मैं अज्ञान में डूब रहा हूँ»

 

और पाप आमतौर पर अल्लाह, स्वयं और पापों के परिणामों की अज्ञानता में निहित होते हैं, इस बात की अज्ञानता कि ईश्वर ने धर्मियों के लिए क्या पुरस्कार रखा है। 

 

अपने बनदों के लिए अल्लाह की पर्दापोशी एक उदाहरण है

 

«إِلٰهِى قَدْ سَتَرْتَ عَلَىَّ ذُنُوباً فِى الدُّنْيا وَأَنَا أَحْوَجُ إِلىٰ سَتْرِها عَلَىَّ مِنْكَ فِى الْأُخْرىٰ؛ 

हे परमेश्वर, तू ने इस दुनिया में किए गए मेरे पापों को छिपा दिया, लेकिन मुझे कल क़यामत के दिन तेरे सत्तार (ज़्यादा छिपाने वाला) होने की अधिक आवश्यकता है।»

दुआए कुमैल में हम कहते हैं: «ولا تفضحنی بخفی ماالطلعت علی من سری»؛ हे अल्लाह, मुझे उन बुरे कामों के कारण अपमानित न कर, जिनके बारे में तू जानता है और दूसरे लोग उन से नावाकिफ हैं।

 

इमाम सज्जाद (अ.स.) ने फरमाया कि दूसरों की इज़्ज़त की हिफ़ाज़त करना और दूसरों के ऐबों को छिपाना खुदा से सीखें और दुसरों को बेइज्जत ना करें।

हे परमेश्वर, तू ने मुझे इस दुनिया में बेइज्जत नहीं किया, और मुझे क़यामत में एक तेरे सत्तार (ज़्यादा छिपाने वाला) होने की ज़्यादा जरूरत है, और तेरी बख़्शिश और मेहरबानी ही हमारी उम्मीद है कि तू अंत में हमारे मामलों को अच्छा बनाएगा। 

 

«إِلٰهِى قَدْ أَحْسَنْتَ إِلَىَّ إِذْ لَمْ تُظْهِرْها لِأَحَدٍ مِنْ عِبادِكَ الصَّالِحِينَ فَلا تَفْضَحْنِى يَوْمَ الْقِيامَةِ عَلىٰ رُؤُوسِ الْأَشْهادِ. إِلٰهِى جُودُكَ بَسَطَ أَمَلِى، وَعَفْوُكَ أَفْضَلُ مِنْ عَمَلِى. إِلٰهِى فَسُرَّنِى بِلِقائِكَ يَوْمَ تَقْضِى فِيهِ بَيْنَ عِبادِكَ. إِلٰهِى اعْتِذارِى إِلَيْكَ اعْتِذارُ مَنْ لَمْ يَسْتَغْنِ عَنْ قَبُولِ عُذْرِهِ فَاقْبَلْ عُذْرِى يَا أَكْرَمَ مَنِ اعْتَذَرَ إِلَيْهِ الْمُسِيئُونَ.»

हे परमेश्वर, तू ने मुझ पर एहसान और कृपा की है, और तेरा एहसान यह था कि तू ने मेरे पापों को अपने किसी धर्मी दास पर प्रगट न किया, तू ने मुझे अपमानित नहीं किया, और क़यामत के दिन मुझे औरों के साम्हने नीचा न दिखाना।

«رُؤُوسِ الْأَشْهادِ रुऊस अल अश्हाद»؛

इसका मतलब है कि जहां कई गवाह और दरशक हैं; क़यामत का दिन मनुष्यों के इकट्ठा होने और सार्वजनिक पुनरुत्थान का दिन है और अच्छे और बुरे कर्म और निर्णय हैं; हे परमेश्वर, तू ने इस दुनिया में मुझ पर एहसान किया है और मेरे पापों को प्रकट नहीं किया है तो पुनरुत्थान के दिन भी मेरे पापों को छिपा दे। 

 

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