मिस्र में अलेक्जेंड्रिया लाइब्रेरी का पांडुलिपि केंद्र हक़ीक़त में कुरान, तफ़सीर, अन्य एकेश्वरवादी धर्मों की पवित्र पुस्तकों की पांडुलिपियों का खजाना है, साथ ही पैगंबर (PBUH) की प्रशंसा में आप के ग़ुलाम के प्रसिद्ध क़सीदे की बेहतरीन पांडुलिपि है।
योम अल साबे द्वारा उद्धृत इकना के अनुसार, पांडुलिपि केंद्र, मिस्र में अलेक्जेंड्रिया पुस्तकालय में सांस्कृतिक संचार विभाग के केंद्रों में से एक है, जिसका मक़सद इस क्षेत्र में अरबी और इस्लामी लिखित विरासत, indexing, जाएज़ा और तहक़ीक़ का पता लगाना है।
इस केंद्र में पांडुलिपियों के विभिन्न संग्रह हैं, जिनमें इस पुस्तकालय की मूल नुस्ख़े शामिल हैं, अलेक्जेंड्रिया की नगर पालिका की पांडुलिपियों का संग्रह इस में ज्यादा अहम है, साथ ही इस पुस्तकालय को दान किए गए संग्रह भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण दान संग्रह शेख अल-हुसरी की पांडुलिपियां, दमनहोर में कुरान संरक्षण संघ की पांडुलिपियां, माल्टा से पांडुलिपियां और व्यक्तियों द्वारा दान की गई कुरानिक पांडुलिपियां हैं।
इस संग्रहालय में अन्य धर्मों की नादिर पांडुलिपियां और एक हजार साल पहले की पवित्र पुस्तकें भी शामिल हैं, संग्रहालय में 120 पांडुलिपियां और "अलबस्ती" पांडुलिपि शामिल हैं। पांडुलिपि वर्तमान में बहाली के मरहले हैं है।
"अल-बस्ती" पांडुलिपि कुरान की तफ़्सीर की एक प्रति है, जो अलेक्जेंड्रिया के पुस्तकालय की सबसे पुरानी पांडुलिपि है और दुनिया में अरबी भाषा की सबसे पुरानी पांडुलिपियों में से एक है। इस संस्करण में अबू इस्हाक बिन इब्राहीम द्वारा लिखी गई कुरान की टिप्पणी का एक हिस्सा है, जो अल बस्ती के नाम से मशहूर हैं, जिनकी मृत्यु 307 हिजरी में हुई थी।
इस संग्रहालय में "मुर्दे को कैसे दफनाना है" पुस्तक की एक पांडुलिपि, मिस्र की शरह, पुस्तक की एक प्रति, और बकरी की खाल पर लिखी गई टोरा की एक प्रति, साथ ही कुरान की पुरानी प्रतियों का संग्रह भी शामिल है, जो सोने के पानी से लिखी गई हैं और बेहतरीन तरीके से सोने का काम है।
इसके अलावा, अलेक्जेंड्रिया की लाइब्रेरी में बाइबिल की एक प्रति है जिसमें न्यू टेस्टामेंट शामिल है। पहला पन्ने पर पूरी तरह से सोने का काम है और अन्य पन्ने पर भी सरल तरह से सोने का काम है। इस नुस्खे के लिखे जाने की तिथि 1637 ई. थी।
इसके अलावा, अलेक्जेंड्रिया के पुस्तकालय की पांडुलिपियों के संग्रह में अलबूसीरी की (الكواكب الدرية فى مدح خير البرية) अल-कवाकिब अल-दुर्रियाह फी मद्हे खैर अल-बारिय्या, की कृति की एक उत्कृष्ट प्रति है। -बुसीरी, जिनकी मृत्यु 694 हिजरी में हुई थी। यह किताब "बरदियाह" क़सीदे के लिए भी प्रसिद्ध है। यह क़सीदा इस्लाम के पैगंबर (PBUH) की प्रशंसा में सबसे प्रसिद्ध कविता है और कई शताब्दियों तक इस्लामी दुनिया के महानतम सुलेखकों और सोना कारों के कार्यों में प्रकट हुई है। अलेक्जेंड्रिया के पुस्तकालय में इस क़सीदे की मौजूदा पांडुलिपि 'सुल्स' लिपि में लिखी गई है और आयशा बिन्त इस्माईल अल-ख़ाज़िन के खजाने से संबंधित है। उल्लिखित संस्करण में बेहतरीन सोना कारी है और इसमें 29 पेज हैं, जो 1051 एएच में लिखा गया था।