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पाकिस्तानी आलिम:

इस्लामी इंक़लाब ने मुसलमानों के दिलों में उम्मीद को जिंदा कर दिया

6:48 - June 05, 2023
समाचार आईडी: 3479234
पेशावर के साबिक इमाम जुमा ने कहा इस्लामी इंकलाब का पूरी दुनिया पर असर रहा है और मुसलमानों को कभी उम्मीद नहीं थी एक इस्लामी और क़ुरानी निजाम आ जाएगा।

पेशावर के साबिक इमाम जुमा ने कहा इस्लामी इंकलाब का पूरी दुनिया पर असर रहा है और मुसलमानों को कभी उम्मीद नहीं थी एक इस्लामी और क़ुरानी निजाम आ जाएगा।

 

सैयद जफर अली शाह नकवी इमाम खुमैनी (आरए) की याद में सम्मेलन के मेहमान थे। उन्होंने एकना को एक इंटरव्यू में कहा कि इमाम खोमेनी ने मासूमीन अलैहिमुसलाम के नक्शे कदम पर चलते हुए कुरान को और इस्लाम को अपने किरदार में मुजस्सम कर दिया।

 

उन्होंने कहा इस्लामी इंकलाब ने पूरी दुनिया पर असर डाला है खासतौर से पाकिस्तान के ऊपर। पहले लोग यह नहीं समझते थे कि इस्लामी और क़ुरानी निजाम बनाया जा सकता है लेकिन इमाम खोमेनी को देखकर उनके दिलों में उम्मीद पैदा हुई कि हां यह काम हो सकता है

 

उन्होंने कहा के इमाम खुमैनी ने 2 लोगों को अपना बेटा कहा है एक शहीद मुतह्हरी को और दूसरे शहीद आरिफ हुसैन हुसैनी को।

 

इस कुरानिक कार्यकर्ता ने कहा कि अरबी भाषा के बाद कुरान पर और कुरान की तफसीर पर यहां तक के बलाग़त से संबंधित तफ़्सीर पर सबसे ज्यादा उर्दू जबान में काम हुआ है मसलन उर्दू में दसियों वॉइस तफ़्सीर मौजूद है लेकिन फारसी में सिर्फ दो वॉइस तफ़्सीर हैं।

 

पाकिस्तान में क़ुरानी तालीम के बारे में उन्होंने कहा कि ईरान में यूनिवर्सिटी के अंदर कुरआन के बहुत से सब्जेक्ट हैं लेकिन पाकिस्तान में वही पुराने और रिवायती सब्जेक्ट पर काम हो रहा है

 

उन्होंने कहा इसलामी इंकलाब के बाद दुश्मनों को यह डर हुआ कि अगर पाकिस्तान में शिया और सुन्नी एक साथ काम करेंगे तो उनका बड़ा नुकसान होगा लेकिन वह इसमें कामयाब ना हो सके कि शिया सुन्नी के दरमियान बुनियादी तफरका पैदा करें। 

 

उन्होंने कहा के ज्यादातर आतंकवादी हमले पेशावर में या खैबर पख्तूनख्वा में होते हैं लेकिन मोहर्रम की अजादारी में हमें देखने को मिलता है कि ज्यादातर इमामबारगाह अहले सुन्नत की हैं और जो नोहा पढ़ता है वह अहले सुन्नत है और मातम करने वाले शिया हैं या नोहा पढ़ने वाले शिया है और मातम करने वाले सुननी है। अहले सुन्नत अजादारी की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी निभाते हैं और यह एक आम बात है।

 

उन्होंने जोड़ दिया उपनिवेशवाद दुश्मन अपनी प्रोपेगेंडा मशीन के जरिए से छोटे से इख़्तेलाफ को बड़ा बना कर पेश करता है लेकिन आम आदमी मेलजोल के साथ रह रहे हैं।

 

मोहसेन हद्दादी के साथ एक इंटरव्यू

 

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