इकना समाचार एजेंसी के अनुसार, अल-नशराह द्वारा उद्धृत, इराक में शिया प्राधिकरण के प्रमुख अयातुल्ला सैय्यद अली सिस्तानी ने पोप फ्रांसिस को जवाब में आज (बुधवार, 2 अगस्त) लिखा: आपकी इराक की ऐतिहासिक यात्रा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर, आपकी नेक तहरीर से जो आपने मुझे भेजी थी, मुझे प्रसन्नता हुई। वह मुलाकात जिसने आपको और मुझे नजफ अशरफ में एक साथ ला दिया। यह महत्वपूर्ण बैठक इस्लाम और ईसाई धर्म और यहां तक कि अन्य धर्मों के कई पैरोकारों के लिए उन लोगों के साथ अधिक रवादारी और सह-अस्तित्व दिखाने की खातिर एक जज़्बा बन गई जो धर्म और विश्वास में उनसे अलग हैं।
अयातुल्ला सिस्तानी ने आगे कहा: आपके संदेश में, कुछ मुद्दों पर जोर दिया है जिन पर हमने उस असाधारण बैठक में जोर दिया था, जिसमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की संस्कृति को बढ़ावा देने, हिंसा और नफरत से बचने और लोगों के बीच दोस्ती के मूल्यों को स्थापित करने के प्रयासों का महत्व शामिल है। अधिकारों और सम्मान की निगरानी और विभिन्न धर्मों के अनुयायियों और बौद्धिक रुझानों के बीच एक दूसरे की मदद करने का उल्लेख किया गया था।
इराक के इस आला मरजा ने कहा: मैं दुनिया भर में उत्पीड़ितों और मज़लूमों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पर आपसे सहमत हूं। पूर्व और पश्चिम में कई संघर्षों में कुछ राष्ट्रों और जातीय और सामाजिक समूहों को जो परेशानियां झेलनी पड़ीं और उनके खिलाफ बौद्धिक और धार्मिक उत्पीड़न और कुछ ऐसे चरमपंथी आंदोलनों के बनने में बुनियादी स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की कमी का किरदार भी है, जो अलग-अलग विचार और मत संकोच की वजह से दूसरों पर हमला करते हैं।
यह महत्वपूर्ण लगता है कि हर कोई इस नाराजगी को हल करने पर अधिक ध्यान दे और विभिन्न समाजों में न्याय और शांति प्राप्त करने के लिए अपना मुकम्मल प्रयास करे, और यह निश्चित और सामान्य रूप से नफरत और हिंसा को कम करने में मदद करेगा।
अयातुल्ला सिस्तानी ने जोर दिया: इस युग में मानवता के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों पर काबू पाने में अल्लाह और उसके संदेशों पर ईमान की मौलिक भूमिका और उच्च नैतिक मूल्यों के पालन पर जोर देना महत्वपूर्ण है। इस जमाने में रूहानी सही पहलुओं का पाया जाना और जैसा के खुदा ने इंसान को पैदा किया है उस तरह घर और घराने की हिफाजत जरूरी है। और परहेजगारी भी बहुत जरूरी है जिसके जरिए इंसान अल्लाह से जुड़ जाता है जैसा कि कुरान में भी इरशाद है कि तुम में सबसे ज्यादा एहतराम वाला वह शख्स है जो सबसे ज्यादा परहेज करने वाला हो: ان اكرمكم عند الله اتقاكم
1281890