वैज्ञानिक चमत्कार वर्तमान युग में कुरान के चमत्कार के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। पवित्र कुरान की कई आयतें वैज्ञानिक मुद्दों का उल्लेख करती हैं। चूँकि इनमें से कुछ वैज्ञानिक संदर्भ कुरान के नाजिल होने के समय खोजे नहीं गए थे, और लोगों को उनमें से कुछ का एहसास सदियों बाद हुआ। कुरान में इन वैज्ञानिक बातों को पेश करना इस आसमानी पुस्तक के चमत्कारों में से एक माना जाता है।
कुरान एक ऐसी किताब है जो समय के साथ अपनी ताजगी नहीं खोती बल्कि विज्ञान की प्रगति और कुरान की अभी खत्म हक़ीक़तों के ज राज़ों से पर्दा उठने के साथ-साथ और विज्ञान जितना विकास की ओर बढ़ता है, उसकी कद्र कीमत उतनी ही अधिक होती जाती है। यह कोई दावा नहीं है, बल्कि एक हक़ीक़त है जिसे इस सम्माननीय पुस्तक में अल्लाह की इच्छा से रखा गया है।
इन वैज्ञानिक चमत्कारों के कुछ उदाहरण उल्लिखित हैं:
1. वर्षा द्वारा भूमि को खेती हेतु तैयार करना
فَلْيَنْظُرِ الْإِنْسَانُ إِلَى طَعَامِهِ أَنَّا صَبَبْنَا الْمَاءَ صَبًّا ثُمَّ شَقَقْنَا الْأَرْضَ شَقًّا فَأَنْبَتْنَا فِيهَا حَبًّا وَعِنَبًا وَقَضْبًا
मनुष्य को अपने भोजन (और उसकी रचना) पर ध्यान देना चाहिए! हमने आकाश से बहुत सा जल बरसाया, फिर हमने धरती को चीर डाला, और उसमें बहुत से बीज उगाये, और बहुत से अंगूर और सब्जियाँ” (अबस: 24-28)।
यह आयत कुरान के वैज्ञानिक चमत्कारों में से एक को संदर्भित करती है, जो दिखाती है कि पहले बारिश होती है और फिर खेत फट जाते हैं और खेती के लिए तैयार हो जाते हैं। यह प्रथा न केवल शुरुआती दिनों में हुई, बल्कि आज भी जारी है।
2. पौधों का जोड़ीदार होना
"وَهُوَ الَّذِي مَدَّ الْأَرْضَ وَجَعَلَ فِيهَا رَوَاسِيَ وَأَنْهَارًا وَمِنْ كُلِّ الثَّمَرَاتِ جَعَلَ فِيهَا زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ يُغْشِي اللَّيْلَ النَّهَارَ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ لِقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ;
और उसने जमीन को फैलाया और उसमें पहाड़ और नहरें करार दीं और उस में उस ने सब फलों के जोड़े बनाए; रात का (काला पर्दा) दिन के ऊपर ढक दिया; इनमें उन लोगों के लिए निशानियां हैं जो सोचते हैं! (गरजः 3)
यह जुमला (وَمِنْ كُلِّ الثَّمَرَاتِ جَعَلَ فِيهَا زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ) "और सभी फलों में से दो जोड़े करार दिये", इस तथ्य को संदर्भित करता है कि फल जीवित जीव हैं जिनमें नर और मादा Sperm होते हैं जो एक दुसरे के माध्यम से fertilized होते हैं।
18वीं शताब्दी ई. (1178-1079 ई.) में प्रसिद्ध स्वीडिश वैज्ञानिक और वनस्पतिशास्त्री लिनिअस यह खोज करने में सफल रहे कि पौधों की दुनिया में जोड़ी होना लगभग एक आम नियम है और पौधे भी, जानवरों की तरह, नर और मादा के मिलन से निषेचित होते हैं। जबकि क़ुरान ने इस मसले का खुलासा एक हजार एक सौ साल पहले ही कर दिया था।