इस वीडियो में उस्ताद अब्दुल बासित सूरह मुबारका तहरीम की आयत 5 का पाठ करते हैं, जिसके साथ दर्शकों की तालियां और उस्ताद ख़लील अल-हुसारी की प्रशंसा भी है।
यह कुरानी बैठक 56 साल पहले (1967 ई.) रमजान के पवित्र महीने के अवसर पर पाकिस्तान के विशेष कार्यक्रमों में से एक है, जिसमें मिस्र के प्रसिद्ध कुरान शिक्षकों को कुरान के साथ उन्स बैठकें करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
प्रोफ़ेसर अब्दुल बासित इस दुर्लभ फिल्म में प्रोफेसर खलील अल-हुसारी की उपस्थिति में पाठ करते हैं।
सूरह मुबारका तहरीम की आयत 5
عَسَى رَبُّهُ إِنْ طَلَّقَكُنَّ أَنْ يُبْدِلَهُ أَزْوَاجًا خَيْرًا مِنْكُنَّ مُسْلِمَاتٍ مُؤْمِنَاتٍ قَانِتَاتٍ تَائِبَاتٍ عَابِدَاتٍ سَائِحَاتٍ ثَيِّبَاتٍ وَأَبْكَارًا ﴿۵﴾
शायद अगर वह तुम्हें तलाक दे दे, तो उसका रब उसे तुमसे बेहतर पत्नियों से बदल देगा, जो मुस्लिम महिलाएं, आस्तिक, आज्ञाकारी, पश्चाताप करने वाली, भगवान की पूजा करने वाली, रोजेदार, विधवा और कुंवारी होंगी।
अब्दुल बासित मुहम्मद अब्दुल समद सलीम दाउद का जन्म 1 जनवरी, 1927 को एरमेंट में हुआ था और उनकी मृत्यु 30 नवंबर, 1988 को काहिरा में हुई थी। वह मिस्र के महान कुरान पाठकर्ताओं में से एक थे जिनके पास कुरान पढ़ने की विशेष क्षमता थी। इस पाठक के दुनिया भर में कई प्रशंसक और मुक़ल्लिद हैं। वह मिस्र में कुरान पढ़ने वालों और याद करने वालों के संघ के पहले अध्यक्ष भी थे।
इस श्लोक के पाठ का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं.
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