जीवन के लिए श्लोक: ईश्वर की दया की आशा करना
तेहरान (IQNA) إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَالَّذِينَ هَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ أُولَئِكَ يَرْجُونَ رَحْمَتَ اللَّهِ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ जो लोग ईमान लाए और जो लोग़ हिजरत कर गए और ईश्वर की राह में लड़े, वे ईश्वर की दया की आशा रखते हैं और ईश्वर क्षमा करने वाला और दयालु है।
आयत 218, सूरह अल-बकराह
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