तेहरान (IQNA) إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَالَّذِينَ هَاجَرُوا وَجَاهَدُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ أُولَئِكَ يَرْجُونَ رَحْمَتَ اللَّهِ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ जो लोग ईमान लाए और जो लोग़ हिजरत कर गए और ईश्वर की राह में लड़े, वे ईश्वर की दया की आशा रखते हैं और ईश्वर क्षमा करने वाला और दयालु है।
आयत 218, सूरह अल-बकराह
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समाचार आईडी: 3481436 प्रकाशित तिथि : 2024/06/23
तेहरान (IQNA) दुआए ईफ्तेताह उन प्रार्थनाओं में से एक है जो निराशा तक पहुंचने वाले लोगों के लिए दिव्य आशा और दया के द्वार खोलती है, और यह अनुशंसा की जाती है कि इसे रमजान की रात में पढ़ा जाए।
समाचार आईडी: 3477231 प्रकाशित तिथि : 2022/04/13