हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली से इक़ना की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में काले ताजिए के मशहूर जुलूस की तैयारीयां चल रही है और लोग अकेले या फैमिली के साथ इस प्रोग्राम में जाने के लिए तैयार हो रहे हैं।
कर्बला के मैदान में मजहब इस्लाम को बचाने के लिए इमाम हुसैन और आपके साथियों की अजीम कुर्बानी की याद में यह जुलूस हर साल 8 रबी उल अव्वल को शाही जामा मस्जिद के नजदीक के इलाके चितली कबर से शुरू होता है और जोर बाग कर्बला यानी शाहे मरदान पर खत्म होता है।
दरमियान में यह जुलूस काफी लंबे रास्तों से गुजरता है और दिल्ली के बहुत हम रास्ते पार्लियामेंट रोड (संसद मार्ग) से होता हुआ शाही मर्दा की तरफ जाता है। रास्ते में मर्द और महिला इस जुलूस को लेकर आगे बढ़ते हैं। तकरीबन चार-पांच किलोमीटर या इससे भी ज्यादा जगह में इस जुलूस में शिरकत करने वालों का मजमा रहता है।
शाहे मरदान में मातम नोहे मजलिस और सभी लोगों का सिलसिला जारी रहता है और वहीं पर मौजूद मस्जिद में शाम के वक्त नमाज़े मग़रेबैन अदा की जाती है। (ऊपर दी गई तस्वीरें पिछले सालों की हैं)