कश्मीर मीडिया सर्विस के अनुसार, कश्मीर में इस्लामी दलों ने श्रीनगर सेंट्रल जेल में भारतीय सैनिकों द्वारा हाल ही में पवित्र कुरान के अपमान की कड़ी निंदा की है, और इसे भड़काऊ और जानबूझकर किया गया कृत्य बताया है।
इस्लामिक पार्टीज कांफ्रेंस ऑफ कश्मीर (एपीएचसी) के नेता और शिया शरिया एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष सैयद हसन अल-मुसवी अल-सफ़वी ने बडगाम में एक सभा में इस जघन्य कृत्य पर अपना गुस्सा व्यक्त किया।
उन्होंने चेतावनी दी कि पवित्र कुरान का अपमान कश्मीर के अधिकारियों की इस्लामोफोबिक नीतियों का परिणाम है और यह इस्लाम और इस्लामी पवित्रताओं के प्रति उनके दोहरे मानदंडों और घृणा को दर्शाता है।
अल-सफ़वी ने कहा कि यह अपवित्रीकरण सत्ता में बैठे लोगों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया जाता है और यह भारतीय अधिकारियों द्वारा समर्थित धार्मिक कट्टरता की सीमा को दर्शाता है।
फैयाज हुसैन जाफ़री, सैयद सब्त शब्बीर क़ुम्मी, जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी, जम्मू-कश्मीर हुर्रियत मूवमेंट और कश्मीर उलेमा काउंसिल सहित अन्य इस्लामी नेताओं और संगठनों ने भी अपने बयानों में इस ईशनिंदापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के आपत्तिजनक कृत्य किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
इन नेताओं ने घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली नस्लवादी भारत सरकार जानबूझकर कश्मीरी मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कश्मीरियों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने और उन्हें चोट पहुंचाने तथा कब्जे वाले लोगों की पीड़ा को बढ़ाने के लिए इस तरह के उपायों का व्यवस्थित रूप से उपयोग कर रही है।
इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर हो रहे हमलों के लिए भारत को जवाबदेह ठहराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप का आह्वान किया।
4259361