इकना ने वॉयस ऑफ पाकिस्तान के अनुसार बताया कि, आजाद जम्मू और कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में आयोजित एक सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि भारत कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के वैध संघर्ष को दबाने के लिए सभी हथकंडे अपना रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने भी समर्थन दिया है।
सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर की जानी-मानी हस्तियां सैयद मंजूर अहमद, मुहम्मद शफी डार और शेख अब्दुल मजीद तथा बड़ी संख्या में छात्रों ने भी भाग लिया।
सम्मेलन में वक्ताओं ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय राजकीय आतंकवाद की निंदा की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत कश्मीरियों के स्वतंत्रता के वैध संघर्ष को दबाने के लिए सभी संभव साधनों - सैन्य, राजनीतिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक - का उपयोग कर रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि निरंतर दमन के बावजूद कश्मीरी आत्मनिर्णय के अधिकार की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
वक्ताओं ने मुक्ति आंदोलन के खिलाफ भारत के भ्रामक प्रचार का मुकाबला करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने छात्रों को भारत के झूठ को उजागर करने और कश्मीर की जमीनी हकीकत के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सूचित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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